DINDORE. मप्र के डिंडौरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 219 बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का मामले ने अब राजनैतिक मोड ले लिया है। जहां पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बीजेपी सरकार पर ट्वीट करके निशाना साधा है। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की है। साथ ही सीएम शिवराज से पूछा हैं कि मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया? बता दें कि इस सामूहिक विवाह समारोह में लड़कियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जाने के आरोपों के बाद तरह तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। ज्ञात हो कि 22 अप्रैल को गाड़ासरई कस्बे में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ था। इस दौरान कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम ने आरोप लगाया कि योजना में लड़कियों का मेडिकल टेस्ट करवाना है।
डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है।
मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 23, 2023
बीजेपी जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस पर लगाए राजनीति करने के उपाय
बीजेपी जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया ने प्रदेश सरकार की महत्वाकांछी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को जनहितैषी बताते हुए ओमकार मरकाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रेगनेंसी टेस्ट को जायज ठहराते हुए अजीबो गरीब दलील भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कई बार योजना का लाभ लेने के लिए लोग दोबारा शादी कर लेते है। ऐसे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए लड़कियों का शारीरिक परीक्षण किया जाता है। यह परीक्षण डॉक्टरों की टीम करती है।
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद नहीं मिला योजना का लाभ
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 219 जोड़ों के विवाह हुए। लेकिन इस समारोह में लड़कियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जाने को लेकर बबाल हुआ। बच्छरगांव निवासी देववती बताती हैं कि हमने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह कराने के लिए फार्म भरा था, जिसके बाद बजाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल टेस्ट कराया गया और प्रेग्नेंसी टेस्ट भी किया गया। टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मेरा नाम सूची से हटा दिया गया।
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स्वास्थकर्मी बोले- जैसे आदेश मिले, वैसा ही किया
बछरगांव निवासी ममता का कहना है कि मुझे मेडिकल टेस्ट के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया। टेस्ट के बाद मेरा नाम भी सूची से हटा दिया। ग्राम पंचायत की सरपंच मेदनी मरावी ने भी कार्यक्रम में लड़कियों के टेस्ट कराने को हंगामा किया। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पहले तो प्रेगनेंसी टेस्ट के सवालों से बचते नजर आए। बाद में इन्होंने बताया कि ऊपर से आए निर्देशों के बाद हमने ये टेस्ट किए हैं।