Katni. कटनी में हुई डकैती की तफ्तीश में डकैतों की गैंग के बारे में जो जानकारियां मिल रही हैं उससे यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि आखिरकार लगातार हो रही डकैती की वारदातों के बावजूद मणप्पुरम गोल्ड फायनेंस कंपनी चेती क्यों नहीं, उसने अपने दफ्तरों में सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती में इतना लापरवाह रवैया क्यों अपनाया। इधर पकड़े गए डकैतों ने पूछताछ में अपने मुखिया का नाम सुबोध सिंह बताया है जो पहले से ही बिहार की जेल में बंद है। इस बात पर भी शक गहरा गया है कि डकैतों ने जानबूझकर अपने दो साथियों को कुंडम की ओर भेजा और माल लेकर फरार होने में कामयाब रहे।
कई दिन तक की रैकी और रिहर्सल
पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनके अनुसार डकैतों ने बकायदा कटनी में किराए का कमरा और होटल में रहकर मणप्पुरम गोल्ड फायनेंस के दफ्तर की रैकी की, इतना ही नहीं उन्होंने वारदात के बाद फरार होने की बकायदा रिहर्सल तक कर डाली लेकिन किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई। जितने परफेक्शन के साथ डकैतों ने वारदात को अंजाम दिया उससे यह शक गहराना लाजमी है कि जो दो डकैत पुलिस गिरफ्त में आए हैं उन्हें जानबूझकर फायनेंस कर्मी के बाइक के साथ कुंडम की ओर भेजा गया ताकि पुलिस गुमराह होकर उन्हें तलाशती रहे और बाकी के डकैत आसानी से माल लेकर फरार हो जाएं।
डकैतों के नेपाल फरार होने का अंदेशा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डकैती के फरार आरोपी अखिलेश उर्फ जॉन, अर्जुन उर्फ पियूष, मिथलेश उर्फ धर्मेंद्र और अमित उर्फ बिक्कू पूर्वी बिहार के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में हैं। जिसके लिए कटनी पुलिस बिहार पुलिस से लगातार संपर्क में है। आरोपियों की तलाश में पुलिस की एक दर्जन से ज्यादा टीमें आसपास के जिलों और बिहार के लिए रवाना भी हो चुकी हैं।
उदयपुर में डाली थी डकैती
पुलिस पूछताछ में तथ्य सामने आए हैं उनके मुताबिक डकैतों का यह गैंग कुछ दिन पहले उदयपुर में मणप्पुरम गोल्ड फायनेंस के दफ्तर में डकैती डाल चुका है। इससे पहले गैंग ने आगरा समेत अन्य शहरों में डकैतियां डालते हुए करीब 300 किलो सोना लूट लिया है। ताज्जुब इस बात का भी है कि इतनी डकैतियों के बाद कटनी पुलिस को ही गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हाथ लगी है।