देव श्रीमाली, GWALIOR. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान 14 मार्च को भोपाल आकर मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के प्रचार अभियान का आगाज करेंगे। पार्टी ने 1 मार्च, बुधवार को एक बार फिर ऐलान किया कि आप प्रदेश के सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और अपना सीएम का चेहरा भी घोषित करेगी, लेकिन यह फेस कौन होगा यह समय आने में घोषित किया जाएगा। यह जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संदीप पाठक ने दी।
प्रदेश में 15 दिन में बन जाएगा आप का संगठन
आप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने कहा कि अभी आप का ग्राम स्तर तक संगठन बनाने का काम चल रहा है। हमें उम्मीद है कि आगामी पंद्रह दिन में हमारे संगठन के विस्तार का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद हमारे नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता चुनावों की तैयारियों में जुट जाएंगे।
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केजरीवाल और मान की होगी सभा
संगठन मंत्री ने बताया कि 14 मार्च को केजरीवाल और मान एक विशाल जनसभा करेंगे, जिसमें चुनाव के प्रचार अभियान का आगाज होगा और आज वे उसी सभा के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा करने आए हैं।
आप से डरी हुई है बीजेपी
बीजेपी सरकार का आम आदमी पार्टी के खिलाफ लगातार सक्रिय रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए यह समझना कठिन नहीं है कि बीजेपी को देश में अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी रोक सकती है। ये बीजेपी के नेताओं को पता है कि यदि केजरीवाल को अभी नहीं रोका तो बाद में उसे रोकना मुश्किल हो जाएगा। बीजेपी की नीतियें देश के लिए अच्छी नहीं है। दिल्ली, पंजाब की जनता ने इसलिए बीजेपी को नकार दिया है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता होती है,राजनीतिक लड़ाई होनी चाहिए, लेकिन इस तरह से चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करना, जनता के काम को रोकना ये बहुत ही गंदी बात है,अच्छी बात नहीं है।
योग्य लोगों को आप में मिलेगा पद
पाठक ने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने संगठन को खड़ा करने में जुटी है। हम योग्य लोगों को संगठन में पद देंगे। जल्द ही प्रदेश के गांव-गांव में हमारा संगठन बनकर खड़ा हो जाएगा।
ये रहेगा टिकट का क्राइटेरिया
पाठक ने कहा कि हमारी पार्टी का टिकट का क्राइटेरिया स्पष्ट है। पार्टी जनता से पूछती है। जनता जिसको बताती है कि यह व्यक्ति मेहनती है, ईमानदार है और काम करेगा, उसे ही टिकट दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब आम आदमी पार्टी मैदान में उतरती है तो फिर सामने बीजेपी और कांग्रेस उसके खिलाफ एक साथ चुनाव लड़ती है। फिर एमपी में तो वैसे भी ये पता करना मुश्किल है कि कौन बीजेपी में है और कौन कांग्रेस में? चुनाव तो आप बनाम आल होता है।