खरगोन. रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़की हिंसा में लोगों का खूब नुकासन हुआ। किसी का आशियाना उजड़ गया तो किसी की जमा पूंजी हिंसा की आग में जलकर खाक हो गई। लेकिन खरगोन के ही विवादित स्थल तालाब चौक में रहने वाली एक महिला दंगे वाले दिन से लापता है। हिंसा भड़कते ही डरी मां अपने बच्चों को खोजने के लिए शहर में निकली। लेकिन 6 दिन बाद भी वह घर नहीं लौटी है।
परिवारवालों ने उसे खूब तलाशा, लेकिन कहीं पता नहीं चला। जिसके बाद उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई है। पुलिस भी अब महिला को तलाशने में जुट गई है। उधर, बच्चे अपनी मां की राह तक रहे हैं।
मां का इंतजार कर रहे बच्चे
खरगोन के चमेली की बाड़ी निवासी 29 साल की महिला लक्ष्मी 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन जुलूस में हिंसा की जानकारी मिलने पर बच्चों को तलाशने निकली थी। हिंसा से बचते हुए जैसे-तैसे बच्चे तो घर आ गए, लेकिन मां इसके बाद नहीं लौटी। मां के घर नहीं लौटने पर 8 साल की अदिति और 12 साल का अभिजीत का हाल बुरा हो चला है। महिला के जेठ पवन कुमार ने मामले में शिकायत दर्ज करवाई है। वहीं मां इंतजार कर रहे दोनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।
महिला के जेठ ने बताया पूरा मामला
जेठ पवन कुमार ने बताया कि रामनवमी के दिन मेरे दो बेटे, छोटे भाई धर्मेंद्र के बेटे के साथ जवाहर मार्ग की ओर गए थे। यहां से वह सर्राफा बाजार की ओर निकले थे। इसी दौरान दंगा भड़कने की सूचना आई। बहू लक्ष्मी बच्चों को लेकर परेशान हो गई और तत्काल उन्हें खोजने निकल पड़ी। इधर, वो घर से निकली और उधर पथराव से डरे बच्चे भागकर घर आ गए। उनके घर ताला देख वह मेरे घर आ गए। इसके बाद मैं, भाई धर्मेंद्र के साथ लक्ष्मी को खोजने निकल पड़े। कहीं नहीं मिलने पर थाने पहुंचे। पुलिस का कहना है कि गुमशुदा महिला की तलाश की जा रही है।