जानिए, लाड़ली बहना योजना का लाभ किसे मिलेगा और किसे नहीं, शुरुआत में 01 करोड़ महिलाओं को जोड़ने की तैयारी

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Sunil Shukla
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जानिए, लाड़ली बहना योजना का लाभ किसे मिलेगा और किसे नहीं, शुरुआत में 01 करोड़ महिलाओं को जोड़ने की तैयारी

BHOPAL. प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी के लिए गेम चेंजर मानी जा रही लाड़ली बहना योजना को अमल में लाने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुरूप 18 वर्ष से ज्यादा आयु की निम्न और मध्यम वर्ग की महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपए डालने के पैरामीटर तय करने के लिए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने 14 फरवरी को मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विकास विभाग के आला अफसरों के साथ चर्चा की। आइए आपको बताते हैं कि सरकार महिलाओं को मुख्यमंत्री की इस अति महत्वाकांक्षी योजना का लाभ देने के लिए जो पैमाना तय करने पर विचार कर रही है उसके मुताबिक लाड़ली बहन योजना का लाभ किसे मिलेगा और किसे नहीं।



 योजना के लिए एक करोड़ महिलाएं छांटने की चुनौती  



सूत्रों के मुताबिक सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती योजना के लिए पात्र महिलाओं के मापदंड तय करना है क्योंकि मुख्यमंत्री ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना के दायरे में लाना चाहते हैं। उन्होंने इस योजना को जाति और गरीबी रेखा के मापदंड के बंधन से मुक्त रखने के निर्देश दिए हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो प्रदेश में 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं की संख्या करीब 2.65 करोड़ है। खजाने की हालत को देखते हुए सरकार अधिकतम एक करोड़ महिलाओं को इस योजना के दायरे में ला सकती है। अतः अब सरकार के आला अफसरों के सामने यह चुनौती है  कि 2.65 करोड़ में से एक करोड़ महिलाओं की छंटनी कैसे की जाए ताकि लाड़ली बहना योजना के दायरे में  हर जाति की महिला कवर हो जाए।



जानें, किन महिलाओं को मिलेगा लाभ और किन्हें नहीं 



योजना का खाका तैयार करने में जुटे महिला एवं बाल विकास विभाग के सूत्रों के मुताबिक लाड़ली बहना योजना के लिए पात्र महिलाओं की संख्या सीमित करने के लिए सबसे पहले इन्कम टैक्स भरने वाले परिवार की महिलाओं को इसके दायरे से बाहर रखने पर विचार किया जा रहा है। यानी 18 वर्ष से ज्यादा आयु की कोई ऐसी महिला जो नौकरीपेशा नहीं है लेकिन उसके पिता या पति आयकर दाता हैं तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा।  ऐसी महिलाएं भी योजना के दायरे में नहीं आएंगी जो खुद या जिनके पति किसी सरकारी विभाग में नियमित कर्मचारी हैं। चुने हुए जनप्रतिनिधियों जैसे पार्षद, विधायक और सांसद के परिवार की महिला को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा योजना की हितग्राही की संख्या सीमित करने के लिए ऐसी महिला को भी योजना से बाहर रखने पर विचार किया जा रहा जो सरकार की किसी योजना के तहत सीधे कोई आर्थिक सहायता या राशि का लाभ ले रहीं हैं। हालांकि लाड़ली बहना योजना के मापदंड तय करने के बारे में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री के स्तर पर ही लिया जाएगा। इसके बाद भी योजना को औपचारिक रूप से लॉन्च करने का प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा।



योजना महिला दिवस 8 मार्च से लागू करने की तैयारी



बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की औपचारिक शुरुआत महिला दिवस यानी 8 मार्च  को बड़े समारोह में करेंगे। प्रदेश में इस दिन से लाड़ली बहना योजना के फार्म भराने की शुरूआत की जाएगी। सीएम ने लाड़ली बहना योजना के आवेदन का फार्म और प्रक्रिया बहुत की आसान रखने के निर्देश दिए हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में कम पढ़ी लिखी महिलाओं को इसके लिए कहीं भटकना नहीं पड़े। योजना के फार्म ऑनलाइन नहीं बल्कि हर शहर और गांव में समारोहपूर्वक ऑफलाइन यानी मैनुअल तरीके से भरवाए जाएंगे। ये काम अप्रैल के अंत तक पूरा किया जाएगा। इसके बाद योजना के लिए पात्र महिलाओं की लिस्ट तैयार करने का काम मई महीने में पूरा करने का लक्ष्य है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो योजना के लिए पात्र पाई गईं महिलाओं के बैंक खाते में जून महीने से हर महीने एक हजार रुपए डाले जाने लगेंगे।



एक करोड़ महिलाओं के लिए हर साल 12 हजार करोड़ खर्च होंगे



लाड़ली बहन योजना के लिए बजट में अपेक्षित राशि का प्रावधान करना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। यदि सरकार योजना की शुरुआत में एक करोड़ महिलाओं को लाभ के दायरे में लाना चाहती हैं तो उसे हर महीने एक हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी। इस लिहाज से प्रदेश की एक करोड़ करोड़ महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपए की राशि डालने के लिए उसे महिला बाल विकास विभाग के बजट में हर साल 12 हजार करोड़ रुपए की ज्यादा राशि का प्रावधान करना होगा। पिछले साल महिला-बाल विकास विभाग का बजट पांच हजार करोड़ रुपए था। इस लिहाज से सरकार को नए वित्त वर्ष (2023-24) में विभाग के बजट में दो गुना से ज्यादा राशि का राशि का प्रावधान करना होगा। पिछले साल सरकार का बजट 2.71 लाख करोड़ रुपए का था। विभाग के सूत्रों का कहना है कि बजट में योजना के लिए 12 हजार करोड़ रुपए की राशि जुटाने में कोई ज्यादा कठिनाई नहीं आएगी। बता दें कि अभी सरकार पर करीब 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। उसने हाल ही में 3 हजार करोड़ रुपए का कर्ज और लिया है। 


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