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दिलीप मिश्रा, DEWAS. देवास में कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान एक मजदूर के जहर खाने से हडकंप मच गया। बाताया जा रहा है कि एक कंपनी में काम के दौरान मजदूर अरुण सोनी का बायलर की राख से पैर जल गया था, जिसके बाद कंपनी के लोगों ने उसे कंपनी के खिलाफ शिकायत नहीं करने और उसका ख्याल रखने की बात कही थी, लेकिन कंपनी ने ऐसा कुछ नहीं किया। जिसके कारण उसके सामने घर चलाने तक संकट खड़ा हो गया। और तमाम सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद भी जब उसे मदद नहीं मिली तो अरुण ने कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान दफ्तर के बाहर जहर खा लिया।
कंपनी ने नहीं की सुनवाई तो सरकारी दफ्तरों में गुहार लगाई
मजदूर अरुण सोनी देवास के प्रेमनगर पार्ट-2 इलाके में रहता है, फरवरी में औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक कंपनी में बायलर की राख के संपर्क में आने से अरुण का एक पैर झुलस गया था। हादसे के बाद उसे सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया था। इसके बाद अरुण ने कलेक्टर कार्यालय, एसपी कार्यालय, श्रम विभाग, सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और न ही कोई मदद मिली। जिससे वह परेशान हो गया।
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शिकायत वापस लेने का बनाया था दबाव
पीड़ित मजदूर ने बताया कि उसका केस पिछले 1 महीने से चल रहा है, लेकिन उसकी कोई मदद नहीं हो सकी, उल्टा उसके उपर दबाव बनाया गया कि वो 20-25 हजार रुपए लेकर केस खत्म कर दे, हादसे के समय भी कंपनी के लोगों ने कहा था कि अगर कंपनी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं करेगा तो उसे नौकरी और पैसे देंगे, लेकिन 8 महीने बाद भी उसे कोई रुपए नहीं मिले जिसके कारण उसके सामने परिवार को पालने का संकट पैदा हो गया और उसने जहर खा लिया।
कलेक्टर ने कही डेढ़ लाख रुपए मिलने की बात
कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने मामले में कहा कि एक कंपनी में श्रमिक का एक्सीडेंट हो गया था। कंपनी ने पहले उसका इलाज करवाया था और मुआवजे के रुप में मेडिकल हेल्थ और सैलेरी दी। लगभग डेढ़ लाख रुपए उसे सहायता दी थी। श्रमिक का औद्योगिक हेल्थ एंड सेफ्टी में उसका केस चल रहा है। जो भी क्षतिपूर्ति का मुआवजा तय होगा, वह दिया जाए।
अधिकारियों ने भेजा मजदूर को अस्पताल
जैसे ही जनसुनवाई में बैठे अधिकारियों को बाहर शोर होने पर ये जानकारी मिली कि एक मजदूर ने जहर खा लिया है तो अधिकारी बाहर की तरफ दौड़ पड़े और तत्काल मजदूर को अस्पताल भिजवाया, जहां मजदूर की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।