संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में भूमाफिया चंपू अजमेरा, नीलेश अजमेरा, हैप्पी धवन, चिराग शाह और अन्य के खिलाफ चल रही पीड़ितों की सुनवाई में शनिवार (13 मई) को कालिंदी गोल्ड की समय सीमा खत्म हो गई। शनिवार को 5 और शिकायतकर्ता सामने आए। इन सभी ने मुख्य तौर पर इन्हीं सभी के द्वारा प्लॉट का सौदा करने की बात कही। कहीं पर चंपू का नाम है तो अधिकांश जगह हैप्पी और नीलेश का नाम हैं। कुछ जगह चिराग के नाम लिखित शिकायतों में हैं। वहीं गिरफ्तारी पर रोक लगने के बाद चिराग भी कमेटी के सामने पेश हुआ।
इसलिए पेश हुआ चिराग
2 दिन पहले हाईकोर्ट ने चिराग की याचिका पर आदेश दिया था कि कमेटी की सुनवाई होने और अगले आदेश तक उन पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही सरकारी वकील विशाल सिरोथिया की पासपोर्ट जब्त करने की मांग, ये कहते हुए खारिज कर दी जब सुप्रीम कोर्ट ने ये शर्त नहीं लगाई तो आप बेवजह की शर्त क्यों जोड़ रहे हैं। इसके बाद ही चिराग कमेटी के सामने पेश हो गया और कमेटी से कहा कि वो सारे पीड़ितों के निराकरण करने के लिए तैयार है।
इधर मौसी ने शिकायत की, उधर शादी के कार्ड में चंपू का नाम भी छपवाया
कमेटी के सामने 2 दिन पहले हीरामणि राजेंद्र जैन ने चंपू के खिलाफ शिकायत की थी कि इन्होंने 21 डायरियों पर सौदे किए हैं, लेकिन अभी तक प्लॉट नहीं मिला है। हमारे साथ धोखाधड़ी की जा रही है। अब इन्हीं मौसी के बेटे पलाश जैन की 25 मई को शादी होने जा रही है। इस शादी के कार्ड में मौसी ने चंपू का नाम भी लिखवाया है। शादी के स्वागतातुर में रितेश (चंपू) अजमेरा और उनकी पत्नी योगिता का नाम है। वहीं उनके पिता पवन अजमेरा और मां चंदा अजमेरा का नाम दर्शनाभिलाषी में शामिल है। वहीं कुछ पीड़ित पलाश जैन से भी है, जिनके मामले अभी भी निराकरण के लिए अटके हुए हैं।
सोमवार से फिनिक्स कॉलोनी की सुनवाई
10 मई से 13 मई तक कालिंदी गोल्ड के लिए सुनवाई की जाएगी। इसके बाद 14 को ऑफ रहेगा। कमेटी फिर 15 से 19 मई तक फीनिक्स कॉलोनी के पीड़ितों के पक्ष सुनेगी और फिर 22 से 26 मई तक कमेटी सेटेलाइट हिल कॉलोनी की सुनवाई करेगी। जब फीनिक्स की सुनवाई होगी तब 15 मई को लिक्विडेटर को भी आना होगा क्योंकि कंपनी लिक्विडेन में चल गई है। सुनवाई का समय दोपहर 3 से 6 बजे तक रहेगा।
रजिस्टर्ड 255 के सिवा भी कोई अन्य पीड़ित आ सकता है
कमेटी के सामने 255 लोगों की रजिस्टर्ड शिकायतें हैं जो पीड़ितों ने रखी थी। हालांकि इसमें से 100 का निराकरण हो चुका है और 155 का बाकी है, जो प्रशासन की हाईकोर्ट की रिपोर्ट में हैं। वहीं इसके सिवा भी प्रशासन के पास बाद में कई पीड़ित पहुंचे हैं, जैसे कि कालिंदी में रजिस्टर्ड 96 पीड़ितों के सिवा भी 22 लोग अन्य बाद में पहुंचे हैं। कमेटी के सामने अभी भी वे पीड़ित सामने आ सकते हैं जिन्होंने अभी तक प्रशासन के सामने अपनी शिकायत दर्ज नहीं कराई है।