इंदौर हाईकोर्ट की कमेटी भी ताक पर, नहीं पहुंचे भूमाफिया, कमेटी बोली- निराकरण नहीं चाहते तो जेल भेजने की कार्रवाई कर देते हैं

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BP Shrivastava
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इंदौर हाईकोर्ट की कमेटी भी ताक पर, नहीं पहुंचे भूमाफिया, कमेटी बोली- निराकरण नहीं चाहते तो जेल भेजने की कार्रवाई कर देते हैं

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर हाईकोर्ट बेंच द्वारा फिनिक्स, सेटेलाइट और कालिंद गोल्ड कॉलोनी के 255 पीड़ितों के निराकरण के लिए गठित हाईकोर्ट के रिटायर जज आईएस श्रीवास्तव की कमेटी को भी भूमाफिया बनाने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। मंगलवार (16 मई) को ही कमेटी ने फिनिक्स कंपनी के सभी डायरेक्टरों चंपू अजमेरा, नीलेश अजमेरा, सोनाली अजमेरा, योगिता अजमेरा सहित अन्य को आने के निर्देश दिए थे। लेकिन बुधवार (17 मई) को कमेटी के सामने केवल निकुल कपासी, रजत बोहरा पहुंचे और मुख्य सभी भूमाफिया गायब थे, इन्होंने वकीलों को ही भेजा था।



कमेटी ने कहा- 18 मई अंतिम मौका



आखिरकार कमेटी ने कह दिया कि अंतिम मौका दे रहे हैं। फिनिक्स और कालिंदी गोल्ड कंपनी के सभी डायरेक्टर और वकील गुरुवार (18 मई) को तय समय पर कमेटी के सामने आ जाएं, नहीं तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे। कमेटी ने कह दिया पीड़ित 15 साल से परेशान हैं, हम लोग भी लगातार प्रयास कर रहे हैं और यदि इसके बाद भी नहीं करना चाहते हैं तो कमेटी लिखकर दे देगी कि जमानत निरस्त कर जेल भेजा जाए, यह कुछ नहीं करना चाहते हैं।



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कमेटी भूमाफियाओं के नाम लेती गई, लेकिन बड़े नाम गायब रहे



कमेटी ने एक-एक कर सभी डायरेक्टरों के नाम पुकारे कि कौन उपस्थित थे। चंपू अजमेरा की ओर से वकील ने कहा कि वह कल आए थे आज बाहर गए हुए हैं। चिराग की ओर से वकील आए, तो नीलेश अजमेरा, योगिता, सोनाली अजमेरा, पवन अजमेरा की ओर से भी वकील ही रहे। इसके अलावा विकास सोनी का भी नाम लिया गया जो नहीं था। मौके पर केवल निकुल कपासी और रजत बोहरा ही थे, जो मूल रूप से चंपू के नौकर ही है और इन्हें कंपनी में डायरेक्टर बना रखा है। 



लिक्विडेटर को चंपू ने दी थी धमकी, कमेटी में किया खुलासा



कमेटी के सामने लिक्विडेटर ने बताया कि हम फिनिक्स कंपनी के डायरेक्टरों को एक-दो बार नहीं सौ-सौ बार नोटिस दे चुके हैं, लेकिन यह आने को तैयार नहीं है। एक बार तो कंपनी के डायरेक्टर रितेश ने यहां तक कह दिया कि जो करना है कर लो, कुछ नहीं होगा। कमेटी के सदस्य चौंक गए और कहा कि फिर आपको हाईकोर्ट को बताना था, कार्रवाई करना थी। लिक्विडेटर ने बताया कि यह कुछ भी रिकार्ड नहीं दे रहे हैं और ना जानकारी दे रहे हैं कि किससे कितनी राशि ली, ऐसे में हमारे द्वारा फिनिक्स का निराकरण करना मुश्किल हो रहा है। 



कमेटी के सामने ही उलझ लिए चंपू और चिराग के वकील



उधर, कमेटी के सामने ही चंपू और चिराग के वकील उलझ लिए। जब फिनिक्स के निराकरण की बात उठी तो चंपू के वकील ने कहा कि चिराग जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं। इन्हें भी आना होगा। इस पर चिराग के वकील बोले इसमें उनका कोई लेना-देना ही नहीं है, फिर वह कैसे आएंगे और निराकरण करेंगे। आखिर में कमेटी ने साफ कर दिया कि कालिंदी और फिनिक्स के मामले हमके पहले निपटाने हैं, तो सभी डायरेक्टर और उनके वकील आएंगे और बंद कमरे में सुनवाई होगी। देखा जाएगा कि कौन क्या कर रहा है, आप सभी को शिकायतकर्ताओं की सूची दी हुई है, एक-एक के निराकरण बताओ कि कौन क्या करेगा? सभी के साथ बैठने के बाद ही तय हो पाएगा कि कौन किसकी जिम्मेदारी ले रहा है। ताकि बाद में कोई ना-नुकुर नहीं करेगा।



कमेटी ने कहा उलटी गिनती चल रही है 21 जून के लिए



कमेटी ने साफ कर दिया कि 21 जून को हाईकोर्ट में सुनवाई होना है और उलटी गिनती चल रही है। हमें बताना है कि किसके कितने निराकरण हुए और यह मौके पर असल में करना है। हमें नए सिरे से रजिस्ट्री चाहिए। यदि प्लाट नहीं तो क्या निराकरण कर रहे हैं। यह सभी निराकरण वास्तव में चाहिए, क्योंकि हाईकोर्ट में पूरी रिपोर्ट पेश होगी। इसलिए किसी तरह की हीलाहवाली नहीं चलेगी।



फिर पहुंचे थे 50 से ज्यादा पीड़ित



उधर, कमेटी के सामने फिर से 50 से ज्यादा पीड़ित लोग पहुंचे थे। उन्हें लगातार उम्मीद है कि अब तो उनका निराकरण होगा। इसमें फिनिक्स और कालिंदी गोल्ड दोनों कॉलोनियों के पीड़ित शामिल थे। इसके अलावा कुछ नए पीड़ित भी शिकायत करने के लिए पहुंचे थे। इन्होंने चंपू अजमेरा और योगिता अजमेरा द्वारा धोखाधड़ी देने की बात कही गई।


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