/sootr/media/post_banners/23bc27381258d3ea81c094248253238cbff99a1efb043af98faef712d2f327ed.jpeg)
संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में भूमाफिया चंपू, नीलेश, चिराग, हैप्पी सभी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए नया दांव चलने की तैयारी कर ली है। द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार सभी भूमाफिया जिला प्रशासन की कमेटी के पास शपथ पत्र देकर इन मामलों को निपटाने के लिए 1 महीने की मोहलत मांगेंगे और साथ ही जिन लोगों को राशि लौटाना है, उन्हें सिर्फ 6 फीसदी ब्याज के साथ राशि लौटाने का वादा करेंगे।
प्लॉट देने को तैयार नहीं भूमाफिया
भूमाफिया के राशि लौटाने के कई वादे अभी भी अधूरे पड़े हुए हैं। सेटेलाइट हिल में तो रसीद पर ली गई राशि में से एक भी पैसा पीड़ितों को नहीं लौटाए गए हैं, क्योंकि ये पीड़ित को जमा राशि भी 10 साल बाद ब्याज तो दूर, मूल भी देने को तैयार नहीं हैं। वहीं पीड़ित जिन्होंने कम से कम प्लॉट की पूरी या अधिकांश राशि चुका दी, वो अपने हक का प्लॉट चाह रहे हैं, जो भूमाफिया देने को तैयार नहीं हैं। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में इस मामले में 27 मार्च को सुनवाई फिर होना है।
प्लॉट की कीमत 5 गुना बढ़ चुकी, गाइडलाइन ही 3 गुना हो गई
साल 2010-12 के दौरान यहां पर प्लॉट की बुकिंग करीब 400-500 रुपए प्रति वर्गफीट के भाव पर हुई थी, यानी 1 हजार वर्गफीट का प्लॉट 4 से 5 लाख में था। आज यहां बाजार भाव 4 से 5 हजार रुपए और गाइडलाइन का भाव ही ढाई से 3 हजार रुपए प्रति वर्गफीट हो चुका है। ऐसे में भूमाफिया किसी भी हालत में पीड़ित का हक नहीं छोड़ना चाहते हैं और जमीन नहीं देने के रास्ते तलाश रहे हैं। पीड़ितों और जानकारों का भी कहना है कि जब प्लॉट की बुकिंग हुई तो प्लॉट ही मिलना चाहिए, यदि इन्हें राशि देना भी है तो शासन-प्रशासन की तय गाइडलाइन में जो प्रॉपर्टी का भाव हो, उसी हिसाब से लौटाना चाहिए। नहीं तो फिर 6 की जगह 18 फीसदी ब्याज दर से क्योंकि शासन भी डिफाल्टर से, किसी टैक्स पेनल्टी आदि में इसी अर्थदंड के साथ मूल राशि की वसूली करती है तो फिर पीड़ित को भी इसी आधार पर राशि मिलना चाहिए। इसके अलावा या फिर गाइडलाइन से तय प्रॉपर्टी की कीमत भूमाफिया अदा करें।
गिरफ्तारी से बचने का रास्ता तलाश रहे भूमाफिया
हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में 15 मार्च को हुई सुनवाई में शासन-प्रशासन की ओर से इन सभी भूमाफिया की जमानत रद्द करने का आवेदन औपचारिक तौर पर पेश कर दिया गया है। यहां तक कहा गया था कि ये सभी भूमाफिया बस मामले को आगे खींचने में लगे हैं, ताकि जमानत का मजा ले सके, वास्तव में ये किसी भी पीड़ित को कई हक नहीं दे रहे हैं। 200 से ज्यादा लोग अभी भी हाईकोर्ट के बाहर न्याय का इंतजार कर रहे हैं। कई भगोड़े हैं जो अभी तक पुलिस के हाथ में नहीं आए हैं, इन सभी की कम से कम महीने में एक बार थाने में पेशी होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट के बाद किसी को राहत ही नहीं दी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नवंबर 2021 में ये सभी भूमाफिया जमानत पर बाहर आए थे। कुछ माह बाद पीड़ितों को इन्होंने झूठे वादे कर शपथ पत्र ले लिए कि निराकरण कर रहे हैं। बाद में जब इन शपथ पत्रों के आधार पर प्रशासन ने सेटलमेंट रिपोर्ट बनाकर सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी तो फिर सभी ने पीड़ितों के साथ किए वादे निभाने से आनाकानी कर दी। जब हाल ही में नई रिपोर्ट पेश हुई तो ये निराकरण का प्रतिशत 35 फीसदी के करीब ही रह गया, जो पहले 55-60 फीसदी बताया जा रहा था। जो बताए गए हैं इसमें भी अभी कई पेंच हैं, जैसे फिनिक्स में कंपनी ही लिक्विडेशन में हैं, सेटेलाइट में किसान, भूमाफिया के साथ बैंक का भी विवाद है। वास्तविक निराकरण तो ना के बराबर ही है और भूमाफिया को जमानत के मजे 100 फीसदी हैं।
ये खबर भी पढ़िए..
ये है निराकरण की हालत
तीनों कॉलोनियों कालिंदी गोल्ड, फिनिक्स और सेटेलाइट हिल में कुल 255 शिकायतें हैं, जिसमें से केवल 100 का निराकरण ताजा सेटलमेंट रिपोर्ट में बताया गया है। इसमें कालिंदी की कुल 96 शिकायतें जिसमें 34 रजिस्ट्री धारक और 62 रसीद पर भुगतान वाले हैं। इसमें 19 रजिस्ट्री वालों का और 8 रसीद वालों का सेटलमेंट हुआ है। यानी कुल 27 लोगों का निराकरण हुआ। फिनिक्स में कुल 88 शिकायतें हैं, जिसमें से 56 रजिस्ट्री वाले और 32 रसीद वाले हैं, जिसमें 26 रजिस्ट्री वालों का और 20 रसीद वालों का निराकरण हुआ है, कुल 46 निराकरण हुए। इसी तरह सेटेलाइट हिल में कुल 71 शिकायतें थीं जिसमें 49 रजिस्ट्री वाले और 22 रसीद वाले थे, जिसमें से केवल 27 रजिस्ट्री वालों का निराकरण बताया गया। लेकिन जो रजिस्ट्री वाले निराकरण हैं वे भी हवा में हैं, क्योंकि केवल कब्जा हुआ है, नए सिरे से रजिस्ट्री नहीं हुई है। वहीं रसीद वालों में भी जिन्हें 10 लाख मिलना थे, उन्हें केवल कुछ नाममात्र की राशि देकर चलता कर दिया गया है। कई जगह पीड़ितों ने मजबूरी में जो मिला वो राशि लेकर सेटलमेंट का शपथ पत्र भूमाफिया और प्रशासन को सौंप दिया है।