संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक जैन सिर्फ 27 दिन में ही जेल से बाहर आ गया है। उसकी एनएसए (रासुका) रद्द हो गई है। इसका आदेश मिलने के बाद सेंट्रल जेल इंदौर से उसे 28 मार्च, मंगलवार सुबह रिहा कर दिया गया। हालांकि खजराना पुलिस ने उसे जेल से बाहर आते ही पूछताछ के लिए पकड़ा है, लेकिन पूछताछ करके छोड़ दिया।
8 दिसंबर 2022 को को हुई थी एफआईआर
उल्लेखनीय है कि गृह विभाग ने 8 दिसंबर 2022 को खजराना थाने में दीपक मद्दा के खिलाफ एफआईआर कराई थी, जिसमें गृह विभाग का रासुका निरस्ती संबंधी फर्जी पत्र बनाने का आरोप लगाया गया था।
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जेलर ने की आदेश की पुष्टि
सेंट्रल जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने द सूत्र से चर्चा में बताया कि गृह विभाग और कलेक्टर इंदौर की ओर से भी इस संबंध मे सूचना आई थी कि आरोपी पर रासुका को रिवोक कर दिया गया है। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया है, वह जेल में केवल इसी मामले में गिरफ्तार था। पत्र आने के बाद आरोपी को रिहा कर दिया गया है। कलेक्टर इंदौर डॉ. इलैया राजा टी की ओर से भी सूचना पत्र जेल गया है। कलेक्टर ने द सूत्र को बताया कि हमने रासुका निरस्त नहीं की है। कहीं से कोई सूचना पत्र आया हो और हमने आगे रूटीन में बढ़ाया हो तो अभी इसकी जानकारी नहीं है मुझे चेक करना होगा।
फर्जी पत्र मामले में गृह विभाग ने कराई थी एफआईआर
मद्दा पर 8 दिसंबर 2022 को थाने ने चार सौ बीसी मामले में केस दर्ज किया था। गृह विभाग सचिव गौरव राजपूत ने थाने को पत्र लिखकर कहा था कि मद्दा द्वारा रासुका निरस्ती का पेश किया गया पत्र फर्जी है। इसके चलते फर्जी रासुका निरस्ती का गृह विभाग का पत्र बनाने के आरोप में मद्दा पर केस दर्ज कर लिया गया था। इसी का जांच के लिए मद्दा को जेल से रिहा होने के बाद थाना प्रभारी दिनेश वर्मा पूछताछ के लिए थाने ले गए और फिर रिहा कर दिया।
एक मार्च को ही हुआ था गिरफ्तार
तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा फरवरी 2021 में मद्दा पर रासुका लगाई गई थी और दो थानों में छह एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन वह कभी पुलिस की पकड़ में नहीं आया। आखिरकार एक मार्च 2023 को पुलिस ने उसे मथुरा से पकड़ा था, लेकिन 27 दिन भी जेल में नहीं रख पाई। इसके बाद वह अपना दमखम दिखाकर जेल से छूट गया। फर्जी पत्र मामले में पुलिस अभी जांच कर रही है। इस मामले में भी मद्दा ने हाईकोर्ट में अपील लगा रखी है, जिसमें सुनवाई जारी है। दो थानों में दर्ज जमीन की धोखाधड़ी के छह मामलों में पहले ही उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है। अलग-अलग कोर्ट से वह गिरफ्तारी पर स्टे व जमानत लेकर बैठा हुआ है।