JABALPUR. 25 पुराने प्रकरणों के 3 माह की समय सीमा में निराकरण के आदेश के खिलाफ पूरे प्रदेश में चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल स्थगित हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्टेट बार काउंसिल के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। जिसके बाद स्टेट बार काउंसिल ने अधिवक्ताओं के प्रतिवाद दिवस रूपी हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
बता दें कि इससे पहले सोमवार को हुई स्टेट बार काउंसिल की सामान्य सभा की बैठक में 29 मार्च तक हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया गया था। वहीं इस पूरे मामले से संबंधित हाईकोर्ट रजिस्ट्रार द्वारा जारी किए गए 3 आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका भी दायर की जा चुकी है। याचिका में तीनों आदेशों को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती आदेश के विपरीत बताया गया है।
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बुधवार से अदालत में पैरवी करेंगे वकील
स्टेट बार काउंसिल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बुधवार से प्रदेश के समस्त अधिवक्ता न्यायालयों में पैरवी करने उपस्थित रहेंगे।
अधिवक्ता मनीष तिवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश में वकीलों की हड़ताल को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए वार्ता के लिए 29 मार्च का समय दिया है। जब एक तरफ वार्ता की बात है, तो हम वकीलों का हड़ताल पर रहना उचित नहीं था। इसलिए सर्वसम्मति से इस हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। बुधवार से समस्त वकील अपने केसों में अदालत में पैरवी करेंगे।
बता दें कि वकीलों की हड़ताल के चलते जबलपुर हाईकोर्ट में बीते 6 दिनों से अधिवक्ता अदालतों से गैरहाजिर रहे। वहीं जबलपुर जिला कोर्ट की बात की जाए तो यहां करीब 15 दिनों से काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ था। दरअसल हाईकोर्ट रजिस्ट्रार द्वारा 25 पुराने केसों की लिस्ट बनाकर समस्त जिला अदालतों को भेजी गई थी जिन्हे 3 माह की समय सीमा में निराकृत करने के आदेश थे। जिसके बाद पहले जबलपुर जिला बार एसोसिएशन और फिर स्टेट बार काउंसिल ने इस आदेश के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया था।