देव श्रीमाली, GWALIOR. एक तरफ आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी मध्यप्रदेश में विकास यात्राएं निकालने की तैयारी में जुटी है। वहीं कांग्रेस भी इसको लेकर आक्रामक होती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद अब नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने भी विकास यात्रा को लेकर कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने विकास के नाम पर अघोषित आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को खत्म करने और जनता का पैसा पूंजीपतियों को देने का विकास ही किया है।
नामकरण के जरिए राजशाही वापस ला रही है बीजेपी
नेता प्रतिपक्ष ने संस्थानों और जिलों आदि के नाम बदलने को राजशाही को वापस लाने की साजिश बताते हुए इसे गलत बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की संस्कृति और सिद्धांत में प्रजातंत्र में विश्वास नहीं है। स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर उन्हें आपत्ति है क्योंकि उनके पुराने लोगों का स्वतंत्रता आंदोलन में कोई स्थान नहीं रहा, जो इक्का-दुक्का लोग शामिल भी हुए वे माफी मांगकर चले आए थे। इसलिए अब वे पूरी राजा महाराजाओं की संस्कृति लाना चाहते है। वे अधिकांश शहरों और संस्थानों हवाई अड्डे,रेलवे स्टेशन के नाम राजा और महाराजाओं के नाम पर या ऐसे लोगों के नाम पर किए जा रहे हैं, जिनका देश की आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं है। यह परंपरा शर्मनाक है। अधिकांश राजा महाराजाओं द्वारा जनता पर अत्याचार किए,अपार संपत्ति इकट्ठी की। जनता ने लंबे संघर्ष और बलिदानों के बाद उनके चंगुल से देश को मुक्त कराया, अब फिर उन्हें महिमामण्डित करना शर्मनाक है।
ये खबर भी पढ़िए...
गोडसे फिल्म पर यह कहा
नेता प्रतिपक्ष ने गोडसे को लेकर फिल्म के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मैंने फिल्म देखी नहीं है और बगैर देखे मैं उस पर कुछ नही बोलूंगा। लेकिन बीजेपी का गोडसे को पूजना और गांधी पर विभाजन का आरोप लगाकर बदनाम करने का काम योजनावद्ध तरीके से कर रही है। लोकतंत्र में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति इस षड्यंत्र के खिलाफ है और निंदा करता है।