Bhopal. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने में अब कुछ ही माह शेष हैं, दोनों पक्षों में सियासी बिसात बिछाने की शुरूआत हुई है, अभी कई गोटियां सजनी भी बाकी हैं, लेकिन सियासी बयानबाजी बता रही है कि चालें तो काफी पहले शुरू हो चुकी हैं। हम बात कर रहे हैं कांग्रेसी खेमे की। कांग्रेस में सीएम फेस को लेकर अरुण यादव, अजय सिंह राहुल और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह कई बार कह चुके हैं कि यह फैसला हाईकमान और विधायक दल लेगा। अब सीएम फेस को लेकर डॉ गोविंद सिंह ने कहा है कि क्या होगा, यदि सीएम फेस वाला नेता ही चुनाव हार जाए?
यह बोले गोविंद सिंह
नेता प्रतिपक्ष ने एक मीडिया समूह से बातचीत के दौरान कहा कि पहले सीएम का चेहरा घोषित कर दो। वो चुनाव हार जाए, तो सीएम का फेस कैसे बनेगा? जब चुनकर आ जाते हैं तो जिसे विधायक चाहते हैं, वो सीएम बनता है। हमने कह दिया कि ये व्यक्ति सीएम फेस है। वो चुनाव हार गया फिर क्या होगा? इसलिए कांग्रेस में ये पद्धति नहीं होती।
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बीजेपी ने कस दिया तंज
इधर गोविंद सिंह का यह बयान सामने आने के बाद बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कह दिया कि दो दिन के अंदर गोविंद सिंह ने कमलनाथ को उनकी असलियत बता दी है। अग्रवाल ने कहा कि कमलनाथ सीएम का चेहरा नहीं होंगे क्योंकि उनके चुनाव जीतने पर ही संशय है। जब गोविंद सिंह जैसे नेता को उन पर विश्वास नहीं है तो प्रदेश की जनता क्या पसंद करेगी। अग्रवाल ने तंज कसते हुए कहा कि जो कमीशन नाथ हैं, वो न कांग्रेस को स्वीकार हैं और न मप्र की जनता उन्हें स्वीकार करेगी।
राहुल भी टाल गए थे सीएम फेस का सवाल
इससे पहले 29 मई को दिल्ली में कांग्रेस की बैठक के बाद राहुल गांधी सीएम फेस का सवाल टाल गए थे, जवाब में उन्होंने कहा था कि हमारी मप्र में 150 सीटें आ रही हैं। राहुल गांधी के सीधे जवाब न दिए जाने को भी बीजेपी मुद्दा बना रही है।
कहां-कहां हार चुके हैं सीएम फेस
सीएम फेस के चुनाव हारने की घटनाएं वैसे तो बेहद कम देखने को मिली हैं, लेकिन उत्तराखंड की बात की जाए तो यहां कई चुनाव में सीएम फेस कैंडिडेट माने जाने वाले नेता चुनाव हारते हैं। वहीं पंजाब में हुए चुनाव में पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह, कांग्रेस के तत्कालीन सीएम चरणजीत सिंह चन्नी चुनाव हार गए थे।