देव श्रीमाली, GWALIOR. बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री अभी चर्चाओं में बने हुए है। अब इस मामले में बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने आती दिख रही है। दोनों पार्टियों के नेता संत के पक्ष और विरोध में बयानबाजी कर रहे हैं। 21 जनवरी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पूछा कि कौन है धीरेंद्र शास्त्री ? वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में उनके जैसे कई संत, दरगाह पर कोई सवाल क्यों नहीं उठाता?
इशारों ही इशारों ने शास्त्री को फर्जी बताया
ग्वालियर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह से बागेश्वर धाम से जुड़े कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि कौन है यह धीरेंद्र शास्त्री? मैं जानता नही हूँ कौन सा धीरेंद्र शास्त्री है। नेता प्रतिपक्ष ने इशारों ही इशारों ने शास्त्री को फर्जी भी करार दे दिया। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ गरीबों आम व्यक्ति और जरूरतमंदों की मदद करने वाले शास्त्री को ही प्रणाम करते हूं। फर्जी शास्त्रियों के लिए उनके यहां कोई जगह नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैंने मीडिया पर ही देखा है कि छत्तीसगढ़ में उन्हें चुनौती दी गई है।
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विवादों में हैं धीरेंद्र शास्त्री
सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के छोटे-मोटे वीडियो छाए रहते हैं। विवादों से उनका पुराना नाता है। वह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर आरोप है कि वह नागपुर में कथा बीच में ही छोड़कर चले गए। फिलहाल उनकी छत्तीसगढ़ के रायपुर में कथा चल रही है। अब छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा ने धीरेंद्र शास्त्री को चैलेंज कर डाला। लखमा ने ये चैलेंज धर्मांतरण के मसले पर दिया है। कवासी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले नहीं बढ़े हैं। अगर वे इसे साबित कर दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। अगर बागेश्वर धाम की बात गलत हुई तो उन्हें पंडिताई छोड़नी होगी। इससे पहले पिछड़ा के नेता प्रीतम लोधी के खिलाफ मसल देने वाले बयान पर भी वे चर्चा में थे।