जान बचाने की कवायद: मरीज को खाट पर लिटाकर कीचड़ में 1.5 km पैदल चले लोग

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जान बचाने की कवायद: मरीज को खाट पर लिटाकर कीचड़ में 1.5  km पैदल चले लोग

दमोह. मध्य प्रदेश के कई इलाके अब भी मूलभूत सुविधाओं की बाट जोह रहे हैं। दमोह के हरा खेड़ा गांव में किसी मरीज को इलाज की जरूरत होती है तो लोग खटिया पर लिटाकर अस्पताल ले जाते हैं। ऐसा फिर एक बार हुआ। 10 सितंबर को गांव के लोग एक मरीज को खटिया पर लिटाकर डेढ़ किलोमीटर तक कीचड़ में पैदल चले। असल में गांव को शहर से जो सड़क जोड़ती है वह कीचड़ से भरी हुई है। गांव के लोग पक्की सड़क बनवाने के लिए सांसद से लेकर विधायक और कलेक्टर से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इसकी सुनवाई नहीं हो रही।

क्या है पूरा मामला

बरसात के दिनों में गांव से शहर को जोड़ने वाली सड़क पर कीचड़ ही कीचड़ है। शुक्रवार यानी 10 सितंबर को दोपहर में कुछ लोग चारपाई पर एक बुजुर्ग को दलदल से लेकर जा रहे थे। बुजुर्ग के बीमार होने की वजह से उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। 1.5 किमी लंबे मार्ग में कीचड़ भरा हुआ है, जिस कारण से गांव तक कोई भी वाहन नहीं पहुंच पाता है। ग्रामीण मरीज को खाट पर लिटाकर अस्पताल पर ले जाते हैं। गोविंद ने बताया कि उसके दादा को मलेरिया हो गया है। पहले तो उन्हें बुखार था, लेकिन अब उनकी हालत बिगड़ने लगी है। अब उन्हें अस्पताल ले जाना जरूरी है। इसलिए उन्होंने एक चारपाई पर अपने दादा को लिटाकर इस दलदल वाली सड़क से पार करवाया। उसके बाद वह अपने निजी वाहन से उन्हें अस्पताल ले जाएंगे।

ग्रामीणों ने कई बार लगाई नेताओं से गुहार

ग्रामीणों का कहना है कि वे कई साल से इस परेशानी से जूझ रहे हैं।  हर साल बारिश में उन्हें इसी तरह परेशान होना पड़ता है। बच्चे हो या बुजुर्ग, महिलाएं हो या बीमार हर किसी को यहां से निकलने में बहुत परेशानी होती है। ग्रामीणों ने सांसद, विधायकों से लेकर कलेक्टर और अन्य अधिकारियों तक अपने गांव की सड़क को पक्का बनाने के लिए कई बार गुहार लगाई, लेकिन इस मामले की कोई सुनवाई नहीं हुई। बारिश के पहले वन विभाग ने इस मार्ग पर कुछ ट्राली मिट्टी जरूर डाली थी, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ।

द सूत्र the sootr दमोह के गांव में मरीज को खाट पर ले जाते ग्रामीण