/sootr/media/post_banners/0801a8f6ed5f246884afb60338375fabde10e55e1eec6956a55a33f5d331e343.jpeg)
Morena. मुरैना के अंबाह क्षेत्र के नयापुरा गांव में बिजली कंपनी के अफसर और कर्मचारियों को लोगों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। दरअसल कंपनी के ठेका कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई थी। जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना बिजली विभाग को दी। लेकिन इसके बाद भी विभागीय कर्मचारी काफी देर बाद मौके पर पहुंचे। दूसरी तरफ मृत कर्मचारी का शव काफी देर तक खंभे पर ही लटका रहा। जिस वजह से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
गुस्साई भीड़ ने बिजली विभाग के डीजीएम और कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, आउटसोर्स कर्मचारी की मौत से नारज थे लोग, अंबाह थाना क्षेत्र के चतुर की गढ़ी गांव का मामला। @PradhumanGwl@dmgwalior@GwaIiorPolice@mpczDiscompic.twitter.com/URdibufnQJ
— TheSootr (@TheSootr) May 26, 2022
यह है पूरा मामला
अंबाह के पाराशर की गढ़ी में पिछले 8 दिनों से लाइट बंद पड़ी हुई थी। उसी लाइट को सही करने के लिए ग्राम तरैनी निवासी जयचंद सिंह तोमर को भेजा गया था। जब वह खंभे पर लाइट सही करने के लिए चढ़ा तो बिजली विभाग ने अचानक लाइन को चालू कर दिया। जिससे उसकी करंट लगने से मौत हो गई जबकि उक्त लाइन के मेंटेनेंस के लिए परमिट पहले से ले लिया गया था। बावजूद इसके बिजली विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है।
4 घंटे बाद पहुंचे थे कर्मचारी
कर्मचारी की मौत के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना बिजली कंपनी के अफसरों को दी। लेकिन करीब 4 घंटे तक कर्मचारी का शव खंभे से लटका रहा। इस पर गुस्साए ग्रामीणों ने कंपनी के अंबाह डिवीजन के उपमहाप्रबंधक अभय चोपड़ा और अन्य कर्मचारियों की पिटाई शुरू कर दी। ग्रामीणों के आक्रामक रुख को देखकर अफसर और अन्य बिजली कर्मचारियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन वो सफल नहीं हो सके। ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया था।
बिजली कटौती से भी थे नाराज
मामले की जानकारी के बाद पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने अफसरों और कर्मचारियों को बचा लिया। असल में लोग लंबे समय तक हो रही कटौती से भी नाराज थे। इस घटना ने गुस्सा बढ़ा दिया। बता दें कि उपमहाप्रबंधक अभय चोपड़ा ग्वालियर के ओएंडएम में सहायक यंत्री थे। उन्हें 15 दिन पहले ही पहली बार उपमहाप्रबंधक पद का प्रभार दिया गया है।
एक महीने में ये दूसरी घटना
पिछले एक महीने में बिजली कंपनी में ठेका कर्मचारियों की लाइन पर काम के दौरान मरने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले दिमनी क्षेत्र के खड़ियाहार गांव में कर्मचारी की लाइन पर काम करने के दौरान मौत हो गई थी। उसकी लाश सात घंटे तक लाइन पर टंगी रही थी, लेकिन बिजली कंपनी प्रबंधन ने उसे नीचे उतरवाने की जहमत नहीं उठाई।