indore.इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) में लॉटरी फिर लौट आई है। इसके लौटने से मध्यम और निम्न श्रेण की उन लोगों को फायदा मिलेगा जो आईडीए से प्लॉट लेना चाहते हैं।
यह प्रक्रिया सालों पहले चलती थी लेकिन बाद में अपनी आय बढ़ाने और कतिपय दबावों के चलते आईडीए ने इसे बंद कर दिया था । कुछ महीने पहले आईडीए के संचालक मंडल की
बैठक में यह बात उठी थी कि लॉटरी से प्लॉट देने की व्यवस्था फिर क्यों शुरू नहीं की जाती। कागजी कार्रवाई के बाद अंततः इसे फिर शुरू करने का निर्णय लिया है।
यह है लॉटरी पद्धति
आईडीए जब प्लॉट बेचने के लिए कोई स्कीम लाता है तो पहले बिक्री दो तरह से होती थी। एक लॉटरी पद्धति से और दूसरा टैंडर बुलाकर। लॉटरी पद्धति का मतलब होता था प्लॉट के लिए जितने लोगों ने आवेदन किया उन सभी के नाम की चिट्ठी खुलती थी। किसी के लिए न तो प्लॉट का नंबर तय होता था न साइज। बारी-बारी से प्लॉट नंबर बोला जाकर चिट्ठी निकाली जाती थी। जिसके नाम की चिट्ठी खुलती थी, प्लॉट उसी का हो जाता था। इसमें प्लॉट की दर भी पहले से तय रहती थी, मतलब खरीददार को पता होता था कि यदि प्लॉट अलॉट हो गया तो मुझे कितना भुगतान करना होगा। पंद्रह साल पहले तक आई़़डीए ने जितनी स्कीम बेची थी उसमें लॉटरी प्रक्रिया ही लागू थी ।
टैंडर में रह जाते थे कई जरूरतमंद
बाद में आईडीए ने प्लॉट्स की बिक्री में टेंडर प्रक्रिया लागू कर दी। इसमें आईडीए किसी भी प्लॉट की न्यूनतम कीमत तय कर टैंडर बुलवाता था । इसमें होता यह था कि सक्षम लोग बढ़-चढ़कर बोली लगाकर प्लॉट ले लेते थे। बीते सालों में बिल्डर और कतिपय भूमाफियाओं, निवेशकों ने भी इसका खूब फायदा उठाया। उन्होंने लंबी-चौड़ी बोली लगाकर प्लॉट रिजर्व कर लिए । कुछ समय पास रखने के बाद मनमाने भाव पर बाजार में बेच दिए।
एक कोशिश की जो चली नहीं
जब स्कीम्स में बिल्डरों, निवेशकों की घुसपैठ की शिकायतें मिलने लगीं तो आईडीए ने इसे रोकने के लिए एक कोशिश यह की कि स्कीम 140 जब लागू की तो यह शर्त रख दी कि जो भी प्लॉट खरीदेगा वो पंद्रह साल तक उसे बेच नहीं पाएगा। इससे शुरुआती अंकुश तो लगा लेकिन बाद में लोगों ने प्लॉट बेचना शुरू कर दिए । केवल आईडीए में नामांतरण नहीं हुआ लेकिन रजिस्ट्री, पावर आदि ऐसे गलियार थे जिसने आईडीए की इस कोशिश को असफल कर दिया।
पांच स्कीम्स में लागू हो सकती है
आईडीए ने हाल में बायपास और रिंगरोड़ के आसपास चार महत्वाकांक्षी स्कीम्स लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है । इसमें लॉटरी पद्धति से ही प्लॉट देने की तैयारी है। संभावना है कि शुरू में इस पद्धति से एक हजार या बारह सौ फीट के प्लॉट ही अलॉट किए जाएंगे।