संजय गुप्ता, INDORE. देशभर के राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) अध्यक्षों की लखनऊ में बैठक हो रही है। इस दो दिवसीय बैठक का प्रारंभ शनिवार को सीएम आदित्यनाथ योगी ने किया। इस बैठक में मप्र पीएससी के अध्यक्ष प्रोफेसर राजेश लाल मेहरा भी शामिल हुए हैं। यह आयोगों का 24वां सम्मेलन है जो इस बार यूपी में हो रहा है। इसमें देशभर के आयोग आपस में एक-दूसरे के परीक्षा सिस्टम से लेकर सिलेबस व अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिससे भविष्य में एक-दूसरे की खासियतों को वह अपने यहां लागू कर सकें।
आयोजन में विविध सत्र होंगे
लखनऊ उत्तरप्रदेश में आयोजित राज्य लोक सेवा आयोगों के 24 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में मध्यप्रदेश की ओर से मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर राजेश लाल मेहरा ने सहभागिता करते हुए आयोग द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों और नवाचारों की चर्चा की गई। पुलिस मुख्यालय लखनऊ की सिग्नेचर बिल्डिंग में आयोजित इस राष्ट्रीय दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न तकनीकी सत्र होंगे। जिसमें आयोगों की विभिन्न गतिविधियों और कार्य कलापों पर विस्तृत विमर्श होगा। प्रो. मेहरा ने इसके पूर्व केरल में आयोजित 23 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था। लाखों उम्मीदवारों का भविष्य आयोग पर टिका होता है।
ये भी पढ़े...
तय समय पर परीक्षा और चयन सिस्टम हो पूरा
बैठक में बात आई कि लाखों युवा उम्मीदावारों का भविष्य उनकी मेहनत के साथ ही आयोग के कामकाज पर भी टिका होता है। कोशिश यही होना चाहिए कि एक तय शेड्यूल के भीतर आयोग की परीक्षा और चयन सिस्टम पूरा हो जाए। साथ ही पहले से ही उम्मीदवारों को आयोग के शेड्यूल की जानकारी हो, जिससे उन्हें अपने लिए बेहतर विकल्प चुनने का अवसर मिले। सिलेबस को लेकर भी बात हुई कि यह इस तरह से होना चाहिए कि उम्मीदवार जब अंतिम रूप से चयनित होकर कोई पद संभाले तो उसे इस देश, प्रदेश की संस्कृति से लेकर अन्य मुद्दों की भी जानकारी रहे, ताकि वह जनता के लिए उपयुक्त फैसले ले सके। विविध परीक्षा सिस्टम में इस तरह से सवाल, सिलेबस हो जिससे उम्मीदवारों के फैसले लेने की क्षमता, ज्ञान व अन्य खासियतों की भी जानकारी सामने आ सके।
यूपी ने दस माह में अंतिम चयन कर बनाया रिकार्ड
हाल ही में यूपी लोक सेवा आयोग ने दस माह के भीतर पूरी परीक्षा प्रक्रिया कर अंतिम चयन करने का रिकार्ड तोड़ काम किया है। जून 2022 से परीक्षा सिस्टम शुरू हुआ और इंटरव्यू कर रिजल्ट तक हाल ही में दस माह में जारी कर दिए गए। उधर, विविध कानूनी समस्याओं और कोर्ट में चल रहे केस के चलते मप्र में 2018 के बाद से ही अंतिम चयन अटक रहा था, हालांकि अब समस्याओं से उबरते हुए एक के बाद एक साल 2019, 2020, 2021 और 2022 की परीक्षाएं होने जा रही है, जिससे उम्मीदावारों में उत्साह है।