अरुण तिवारी, BHOPAL. इस साल के आखिर में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। इसको लेकर बीजेपी हर वो दांव आजमा रही है, जो उसे जीत की गारंटी दिला सके। पिछले लोकसभा चुनाव में 29 में से 28 सीट जीतने वाली बीजेपी के सांसद अब विधायकी की तैयारी कर रहे हैं। जहां पर मौजूदा विधायकों पर टिकट की तलवार लटकी है, वहां पर पार्टी सांसदों को उतार सकती है। सांसदों में पार्टी के मुखिया वीडी शर्मा भी शामिल हैं। वीडी शर्मा ने वोटर लिस्ट में अपना पता एबीवीपी कार्यालय से बदलकर कोलार रोड कर लिया है। बात साफ है कि विष्णु की नजर में अब रामेश्वर का हुजूर है।
टिकट के लिए ‘स्थानीय’ बने वीडी शर्मा
बीजेपी के 14 सांसद इस बार विधानसभा चुनाव लड़ते हुए नजर आ सकते हैं। इनमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा भी शामिल हैं। वीडी शर्मा की नजर बीजेपी की सुरक्षित सीट भोपाल की हुजूर है। ये धुंआ ऐसे ही नहीं उठा, बल्कि इसके पीछे ठोस वजह है। वीडी शर्मा ने वोटर लिस्ट में अपना पता बदलवा लिया है। पहले वे दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में आने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भवन में रहते थे। अब उनका पता हुजूर क्षेत्र के दानिश हिल्स कोलार रोड हो गया है। वैसे संवैधानिक रूप से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उस सीट का निवासी होना जरूरी नहीं है, लेकिन पार्टी बाहरी उम्मीदवार को लेकर होने वाली स्थानीय लोगों की नाराजगी को टालना चाहती है। लिहाजा इस बार स्थानीय निवासी को ही टिकट देने की मंशा बनाई गई है। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या रामेश्वर दो बार से जीत की गारंटी बनी हुजूर सीट इतनी आसानी से छोड़ेंगे इसमें संदेह है। लेकिन उन्होंने सीट बदली तो उनको मध्य से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। रामेश्वर के लिए बड़ा झटका साबित होने वाला ये फैसला वीडी शर्मा के लिए सामान्य सी बात है।
पहले भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे वीडी
वीडी शर्मा 2018 में भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। उनकी कोशिश गोविंदपुरा सीट से चुनाव लड़ने की थी। उस वक्त बाबूलाल गौर को उम्र के क्राइटेरिया के चलते कैबिनेट से बाहर किया गया था और टिकट भी नहीं दी गई थी। लिहाजा बीजेपी के गढ़ गोविंदपुरा पर वीडी शर्मा के साथ आलोक शर्मा की भी नजर थी। गौर की बहू कृष्णा गौर भी इस सीट से ससुर की जगह लेना चाहती थीं। बाबूलाल गौर के वीटो पॉवर ने बहू को गोविंदपुरा का विधायक बना दिया, जिससे वीडी शर्मा की कोशिश नाकाम हो गई और वे खजुराहो से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए।
ये 14 सांसद भी विधानसभा जाना चाहते हैं
अकेले वीडी शर्मा ही नहीं प्रदेश के 14 सांसद भी विधायक बनने की कतार में है। इन सांसदों को लगता है कि मोदी सरकार में मंत्री बनना तो अभी दूर की कौड़ी है, लेकिन प्रदेश में यदि बीजेपी सरकार बनी तो उनकी जगह कैबिनेट में फिक्स हो सकती है।
बीजेपी सांसद |
बदलते समीकरण और जीत की आस में सब संभव है
हिमाद्री सिंह कांग्रेस की परंपरागत सीट पुष्पराजगढ़ से चुनाव लड़ सकती हैं। तो कविता पाटीदार महू से टिकट मांगती रही हैं। उदयप्रताप सिंह नरसिंहपुर जिले से विधायक रह चुके हैं। अनिल फिरोजिया उज्जैन जिले से विधायक रहे हैं। जीएस डामोर रतलाम से विधायक थे, बाद में सांसद बन गए। संध्या राय को भिंड जिले की किसी सीट से उतारा जा सकता है। ढाल सिंह बिसेन बालाघाट से चुनाव लड़ सकते हैं। केंद्रीय मंत्री और राजनीतिक समीकरण बदलाव के तहत दमोह सांसद प्रहलाद पटेल भी विधानसभा चुनाव लड़ते हुए नजर आ सकते हैं।
ये पहला मौका नहीं है, जब बीजेपी सांसदों पर दांव लगा रही है। इससे पहले भी सांसदों को विधायक का चुनाव लड़ाया जा चुका है और उनकी जीत का प्रतिशत बहुत अच्छा रहा है। गौरीशंकर बिसेन, रामकृष्ण कुसमरिया, उमा भारती ऐसे नाम हैं, जो सांसद से विधायक बने। उमा तो मुख्यमंत्री तक बनीं, बिसेन और कुसमरिया मंत्री पद पर लंबे समय तक रहे। लिहाजा पार्टी एक बार फिर इस फॉर्मूले को जीत का अचूक नुस्खा मानते हुए फिर आजामाने की तैयारी कर रही है।