मध्य प्रदेश के सीएम राइज स्कूल शिवराज का एंबीशस प्रोजेक्ट, पर स्कूलों की ना तो बिल्डिंग, ना सुविधाएं और ना ही सब्जेक्ट टीचर्स

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Atul Tiwari
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मध्य प्रदेश के सीएम राइज स्कूल शिवराज का एंबीशस प्रोजेक्ट, पर स्कूलों की ना तो बिल्डिंग, ना सुविधाएं और ना ही सब्जेक्ट टीचर्स

BHOPAL. मध्य प्रदेश में पढ़ाई का स्तर अपग्रेड करने के लिए जून 2022 में बड़े जोर-शोर से 275 सीएम राइज स्कूल शुरू किए गए। हाल ही में 29 अक्टूबर को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में 69 स्कूलों के भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया। सरकार का दावा है कि सभी सुविधाओं से लैस इन स्कूलों के लिए भवन निर्माण होंगे, जिसमें 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम खर्च की जाएगी। ये भवन जब बनेंगे, तब बनेंगे, साथ ही क्वालिटी कैसी होगी, ये सब तो तब पता चल ही जाएगा। सीएम राइज स्कूल के फिलहाल जो हालात हैं, वो बेहद चिंतनीय हैं। सीएम राइज स्कूलों को शुरू हुए 5 महीने पूरे हो गए हैं। द सूत्र ने 5 महीनों बाद पूरे प्रदेश में इन स्कू्लों की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की। हमारी पड़ताल में जो हकीकत सामने आई, वो बेहद परेशान करने वाली और सरकार की आंखें खोल देने वाली है। देखिए द सूत्र संवाददाताओं की ये ग्राउंड रिपोर्ट...



भोपाल के सीएम राइज स्कूल करोंद में पसरी अव्यवस्थाएं



सीएम राइज स्कूलों की पड़ताल की कड़ी में द सूत्र की टीम ने सबसे पहले राजधानी भोपाल के स्कूलों के हाल देखे। हमारी टीम जब करोंद स्थित स्कूल पहुंची तो बेहद चौंकाने वाले नजारे सामने आए। क्लासरूम बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं, जहां बैठकर पढ़ना किसी खतरे से कम नहीं। दीवारों पर प्लास्टर नहीं है। पंखे बंद हैं। कमरे के पीछे और सामने यूरीनल (टॉयलेट) बना है, जहां से जमकर दुर्गंध आती है। क्लासरूम के आस-पास कचरे का अंबार लगा है। स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें अब तक यूनिफार्म भी नहीं मिली है। जब और तफ्तीश की तो पता चला कि स्कूल में नगर निगम ने ही कब्जा कर रखा है। सीएम राइज स्कूल करोंद में एक तरफ नगर निगम की अंत्योदय रसोई चल रही है तो दूसरी तरफ वार्ड कार्यालय संचालित हो रहा है। यहां के दो अन्य कमरों को भी नगर निगम ने कैप्चर कर रखा है। इसके बारे में स्कूल स्टाफ से बात की तो स्टाफ ने बातों ही बातों में ये आरोप भी लगा डाला कि नगर निगम के साथ ही आरएसएस से जुड़े लोगों ने भी स्कूल परिसर पर कब्जा जमा रखा है।



सीएम राइज स्कूल में बेसिक दिक्कतें तो हैं ही, इसके अलावा ये भी सामने आया कि अब तक स्कूलों में कई सब्जेक्ट के टीचर पदस्थ ही नहीं किए गए हैं। सूत्र ये भी बताते हैं कि जिन शिक्षकों की सीएम राइज स्कूलों में नियुक्ति हुई, वो बैठकों के नाम से प्रताड़ित किए जाने के कारण छोड़कर जाना चाहते हैं। हाल ही में स्कूल शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर के लिए जो ऑनलाइन आवेदन मंगाए थे, उनमें बड़ी संख्या में सीएम राइज स्कूल के टीचर्स ने भी अप्लाई कर दिया। इसके बाद 21 अक्टूबर को विभाग को आदेश निकालना पड़ा कि सीएम राइज स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं होंगे। जब टीचर्स ने इसका विरोध किया तो विभाग ने 27 अक्टूबर को एक संशोधित आदेश में कहा- यदि सीएम राइज स्कूल में पदस्थ शिक्षकों के ट्रांसफर हो भी चुके हैं, तब भी वो शैक्षणिक सत्र खत्म होने के बाद ही रिलीव हो सकेंगे। ये दस्तावेज स्कूल विभाग की मनमानी की गवाही दे रहे हैं।



इस पूरे मामले के जिम्मेदार यानी जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना अपने कर्तव्यों और दायित्वों से बचते नजर आए। द सूत्र ने जब उनसे स्कूलों में पसरी अव्यवस्थाओं से जुड़े सवाल पूछे तो वो उन्होंने पल्ला छाड़ने की कोशिश की। 



नरसिंहपुर के स्कूल में भी बुरा हाल



द सूत्र की टीम जब नरसिंहपुर पहुंची तो स्कूल भवन के नाम पर एक पुरानी, जर्जर और घास-फूस से घिरी हुई बिल्डिंग नजर आई। 2 स्कूलों को जोड़कर शुरू हुए किए गए इस स्कूल में करीब 1100 विद्यार्थी रजिस्टर हैं। अभी जो प्लानिंग चल रही है, उसके हिसाब से भविष्य में यहां 3000 हजार स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाना है। फिलहाल जो 1100 बच्चे यहां पढ़ रहे हैं, उन्हीं के लिए पर्याप्त सुविधाएं और व्यवस्थाएं नहीं हैं। आने वाले समय में 3000 बच्चों को कैसे पढ़ाया जा सकेगा, ये तो सरकार ही जाने। बहरहाल, मौजूदा स्थिति में तो स्कूल में विद्यार्थियों के लिए बुनियादी सुविधाएं हैं ही नहीं। इस बारे में हमने जब स्कूल के प्रभारी प्राचार्य प्रभात कुमार मिश्रा से बात की तो उन्होंने टीचर्स की कमी की बात की। यानी फिलहाल स्थिति ये है कि सीएम राइज स्कूलों में कई विषयों के शिक्षक ही नहीं हैं। स्कूल शुरू हुए 5 महीने से ज्यादा बीत गए पर बच्चों को अब तक यूनिफॉर्म तक नहीं दी गई। दावों के मुताबिक, इन स्कूलों में न प्रॉपर लैब हैं और ना ही मुकम्मल लाइब्रेरी।



कटनी में अन्य स्कूल की बिल्डिंग में चल रहा सीएम राइज स्कूल, प्राचार्य का पद भी खाली



कटनी के झिंझरी में मॉडल स्कूल भवन में सीएम राइज स्कूल चलाया जा रहा है। यहां 700 से ज्यादा बच्चे दाखिल हैं। इस संख्या के हिसाब से स्कूल में जितने शिक्षकों का स्टाफ होना चाहिए, उतना नहीं है। यही नहीं, स्कूल में प्राचार्य का पद भी लंबे समय से खाली पड़ा है। स्कूल का मैनेजमेंट फिलहाल उप प्राचार्य के जिम्मे है। 



भिंड के सीएम राइज स्कूल में फिजिक्स-केमिस्ट्री के टीचर नहीं



भिंड में पहले से ही संचालित गवर्मेंट हायर सेकंडरी स्कूल नंबर- 2 को  सीएम राइस स्कूल बनाया गया है। सरकार का दावा था कि स्कूलों में बच्चों को लाने-ले जाने के लिए फ्री बस सर्विस मुहैया कराई जाएगी, लेकिन 5 महीने बीतने के बाद भी इस स्कूल में बस सेवा शुरू नहीं हो पाई। स्पोर्ट्स, म्यूजिक समेत फिजिक्स, केमिस्ट्री के टीचर्स भी नहीं हैं। 



(भोपाल से राहुल शर्मा, नरसिंहपुर से बृजेश शर्मा, कटनी से राहुल उपाध्याय और भिंड से सुनील शर्मा की रिपोर्ट)


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