BHOPAL. मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान इन दिनों बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। उनकी कार्यशैली बदली है तो उनका अंदाज भी अलग दिखाई देता है। वे नरम मामा से गरम शिवराज की शैली में नजर आ रहे हैं। जननेता से ज्यादा वे सख्त प्रशासक का रवैया अपनाए हुए हैं। उनके भाषण देने का अंदाज भी बदल गया है। वे लच्छेदार भाषण की जगह मोटिवेशनल स्पीकर की तरह बोलते हैं। आखिरकार शिवराज की इस नई छवि का राज क्या है, पढ़िए इस रिपोर्ट में
सीएम के बदले अंदाज से लोगों के साथ अफसर हैरान
सीएम शिवराज सिंह चौहान इन दिनों बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। प्रदेश के बच्चों के मामाजी इन दिनों सख्त प्रशासक की भूमिका में दिख रहे हैं। शिवराज के फैसलों में यह स्पष्ट नजर आ रहा है। सीएम के रूप में चौथी पारी में उनके बदले अंदाज से आम लोगों के साथ प्रदेश के अफसर भी हैरान हैं। शिवराज के फैसले ही नहीं, उनकी भाषा और फैसले लेने के तरीके भी चर्चा में हैं। वे मंच पर पहुंचते हैं और तत्काल अपना फैसला सुना देते हैं और लापरवाह अफसर नप जाते हैं। न तारीख, न पेशी, बस फैसला ऑन द स्पॉट :
चौथी पारी में शिवराज के काम का तरीका भी बदला
चौथी पारी में शिवराज के काम का तरीका भी बदला-बदला सा नजर आ रहा है। हिंदू संगठनों की रैलियों पर पथराव की घटनाओं में स्थानीय प्रशासन ने 48 घंटों के अंदर आरोपियों के घर तोड़ दिए। नए कृषि कानूनों को लागू करने के मामले में भी उन्होंने जिलों के कलेक्टर को सख्त निर्देश दिए। सीएम ने स्पष्ट कहा है कि किसानों को फसल का भुगतान नहीं हुआ तो दोषियों की संपत्ति बेचकर उनके पैसे दिए जाएंगे। राजधानी भोपाल में उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रम में ही एक सड़क का नाम बदल दिया। लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने के लिए भी उन्होंने तत्काल फैसला लिया। मध्य प्रदेश में बना कानून यूपी के कानून से भी ज्यादा कड़ा है। जब हिंदू संगठनों की रैलियों पर कुछ जगहों पर पथराव हुए तो शिवराज ने पत्थरबाजों के खिलाफ भी कड़ा कानून बनाने की घोषणा कर दी।
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सीएम शिवराज की भाषा में भी हुआ परिवर्तन
सबसे ज्यादा चौंकाने वाले परिवर्तन शिवराज की भाषा में दिख रहा है। वे मंच से भाषणों में तोड़ देना, फोड़ देना, जमीन के नीचे गाड़ देना जैसे शब्दों का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। एंटी माफिया अभियान को लेकर सीएम अपनी हर सभा में मंच से माफियाओं को चेतावनी दे रहे हैं। केवल माफिया ही नहीं, वे मंच से अफसरों को भी टांग देने की धमकियां दे रहे हैं।
आजकल अपन अलग मूड में हैं-शिवराज
सीएम की छवि अब तक एक विनम्र प्रशासक की रही है जो बच्चों के मामाजी बनकर इफ्तार पार्टियों में जाने से भी परहेज नहीं करते थे, लेकिन अब उनके तेवरों में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की झलक दिख रही है। वे भाषणों में कई बार कह चुके हैं-आजकल अपन अलग मूड में हैं और शिवराज का बदले मूड को बदले राजनीतिक माहौल से जोड़ कर देखा जा रहा है। अलग-अलग राज्यों में बीजेपी की सरकारें हिंदुवादी मुद्दों पर एग्रेसिव तरीके से काम कर रही हैं। शिवराज इस दौर में पीछे नहीं छूटना चाहते। वे इसके लिए विनम्र मामाजी का लबादा छोड़ हिंदुवादी नेता की छवि गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
मोटिवेशनल स्पीकर की तरह देते हैं भाषण
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान में एक और बदलाव आया है। अब वे मोटिवेशनल स्पीकर की तरह मंच पर घूम-घूम कर भाषण देते हैं। भाषण में वे न सिर्फ सुनने वालों को मोटीवेट करते हैं बल्कि बातों बातों में खरी-खरी बातें भी कह देते हैं। शिवराज ने इसी तरह की स्पीच में एक बार ब्यूरोक्रेसी को आईना दिखाया। सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि समीक्षा बैठक में तस्वीर अच्छी दिखाई जाती हैं, लेकिन कई बार वो हकीकत से परे होती है। सीएम शिवराज रविंद्र भवन में आयोजित सुशासन समागम में बोल रहे थे। सीएम ने युवाओं के सवालों के पूरी सहजता के साथ जवाब दिए।
माइक छोड़कर मंच पर चहल कदमी कर दी स्पीच
इतना ही नहीं जनप्रतिनिधियों के सम्मेलन में भी उन्होंने इसी तरह का भाषण दिया। मोतीलाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित हुए समारोह में डायस का माइक छोड़कर उन्होंने पूरे मंच पर चहल कदमी करते हुए स्पीच दी। कार्यक्रम में मौजूद महापौर,परिषद अध्यक्ष और कई जनप्रतिनिधियों को सफलता का मूल मंत्र दिया।
सीएम की इस छवि को गढ़ने में एक पूरी टीम काम करती है। पर्दे के पीछे से इस बदलाव की इबारत लिखे जाने की चर्चा है। इसके लिए उनके खास सिपहसालार चौबीस घंटे काम करते हैं। सीएम के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी टीम के कुछ सदस्य नजर आते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि क्या बोलना है, कब बोलना है, कितना बोलना है और कैसे बोलना है ये सब शिवराज स्क्रिप्ट के अनुसार पहले तैयारी कर लेते हैं।
सीएम की बदलती छवि को लेकर लगाए जा रहे कई कयास
सीएम की बदलती छवि को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बहरहाल सच्चाई जो भी हो लेकिन मामा शिवराज यानी सीएम शिवराज सिंह चौहान अलग मूड में तो हैं।