मध्य प्रदेश के 1500 एमबीबीएस डॉक्टरों की नीट पीजी की राह मुश्किल, 1 महीने के कारण बर्बाद हो रहा एक साल 

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Vijay Choudhary
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मध्य प्रदेश के 1500 एमबीबीएस डॉक्टरों की नीट पीजी की राह मुश्किल, 1 महीने के कारण बर्बाद हो रहा एक साल 

संजय गुप्ता, INDORE. मध्य प्रदेश के 1500 एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए पीजी डिग्री की एडमिशन के लिए होने वाली नीट पीजी की राह मुश्किल हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने नेशनल परीक्षा बोर्ड के माध्यम से होने वाली नीट पीजी परीक्षा में मध्यप्रदेश के एमबीबीएस होने के बाद इंटर्नशिप कर रहे छात्रों को नजरअंदाज कर दिया गया है। मप्र सरकार का भी ध्यान इस ओर नहीं है। 



मप्र के छात्रों को इसका लाभ नहीं मिलेगा



एमजीएम एलुमनी एसोसिएशन इंदौर के अध्यक्ष डॉ. शेखर डी राव, सचिव डॉ संजय लोंढे ने बताया कि 5 मार्च को अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली परीक्षा के ऑनलाइन फॉर्म भरने की अंतिम तारीख 27 जनवरी है। इसमें इंटर्नशिप कम्प्लीशन की कट आउट डेट 31 मार्च से अब 30 जून कर दी गई है। लेकिन इसके बाद भी मप्र के छात्रों को इसका लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि मध्यप्रदेश में मेडिकल यूनिवर्सिटी के बीते साल रिजल्ट देर से आने के कारण प्रदेश के 1500 छात्रों के लिए इंटर्नशिप पूरा करने का समय जुलाई माह में हैं, जैसे इंदौर के छात्रों के लिए 23 जुलाई है, वैसे ही दूसरे कॉलेज के लिए अलग-अलग है। 



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31 जुलाई कटऑफ डेट करने से होगी समस्या दूर



एसोसिएशन और छात्र मांग कर रहे हैं  कि इस कटआफ डेट को बढ़ाकर जहां 30 जून कर दिया है वहीं इसे 31 जुलाई तक कर दिया जाए। इससे मप्र के भी अभ्यर्थी इसमें शामिल हो सकेंगे। नहीं तो पूरा 1 साल उन्हें इंतजार करना पड़ेगा। वैसे भी गलती छात्रों की नहीं है, यूनविर्सिटी से ही परीक्षा सिस्टम लेट चला, इसके चलते इंटर्नशिप का कटऑफ डेट भी जुलाई माह हो गई, इसके चलते मप्र से डिग्री धारी एमबीबीएस डॉक्टर नीट पीजी के लिए योग्य ही नहीं होंगे।


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