अब सौरभ से सलीम बने कट्टरपंथी की बीवी बोली- इस्लाम कबूलने का अफसोस नहीं, मेरा अल्लाह ही उन्हें जेल से बाहर लाएगा

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Neha Thakur
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अब सौरभ से सलीम बने कट्टरपंथी की बीवी बोली- इस्लाम कबूलने का अफसोस नहीं, मेरा अल्लाह ही उन्हें जेल से बाहर लाएगा

BHOPAL. मध्यप्रदेश के भोपाल में रहने वाले मोहम्मद सलीम उर्फ सौरभ जैन को एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने गिरफ्तार किया है। वहीं हैदराबाद में एटीएस की निगरानी में मानसी अग्रवाल से बनी रायला है। एक इंटरव्यू में रायला ने कहा कि इस्लाम कबूल करने का उन्हें कोई अफसोस नहीं है। मुझे अल्लाह पर पूरा भरोसा है। दरअसल, हिज्ब-उत-तहरीर के कट्‌टरपंथी सलीम ने कुछ साल जब धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूला था, तब पत्नी मानसी भी मुस्लिम बन गई। उसके 2 बेटे हैं यूसुफ और इस्माइल। रायला का फोन और लैपटॉप भी एटीएस ने जब्त कर लिए हैं।





6 दिन से एटीएस की निगरानी में रायला





पति की गिरफ्तारी के बाद रायला भी अपने दोनों बेटों यूसुफ और इस्माइल के साथ हैदराबाद के अपने घर में एटीएस की निगरानी में है। रायला ने कहा कि इस्लाम कबूल करने के अलावा दूसरी कोई बात ही नहीं है। जांच एजेंसी के अफसर सलीम से पूछताछ कर रहे हैं। एजेंसी का तर्क है कि सलीम भोपाल के दूसरे कट्‌टरपंथियों से जुड़ा था। ये लोग देश में इस्लाम की सत्ता स्थापित करने के लिए काम कर रहे थे।





बच्चों को पति पढ़ाते थे साइंस





रायला ने कहा कि उसके पति एक कॉलेज में जॉब करते थे। एक दिन पहले प्रिंसिपल से लड़ाई हुई। उन्होंने कहा कि 100 बच्चों का प्रैक्टिकल एक दिन में ले लिया? क्या यूनिवर्सिटी इसकी इजाजत देती है। उन्होंने कहा जॉब करना है तो ऐसे ही होगा। रोजे का दिन था। शाम को 6 बजे घर आए। शाम को घर आकर 2 घंटे सोते थे। फिर बच्चों को साइंस पढ़ाते थे। उनके पास वक्त कब था दूसरी चीजों के लिए।





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हसबैंड यदि ऐसे होते तो मुझे कभी बताते नहीं? क्या उनकी हरकतों से मुझे उन पर संदेह नहीं होता। मुझे पता नहीं चलता कि क्या चल रहा है। एक नॉर्मल सिटीजन की लाइफ होती है, वैसी जिंदगी हमारी चल रही थी। बस एक चीज थी कि हमने इस्लाम एक्सेप्ट किया है, इसके अलावा कोई ऐसी चीज नहीं है। इस कारण से वो (एटीएस) हमें परेशान कर रहे हैं।





क्या इस्लाम कबूल करना गलत है?





इस्लाम कबूलने को लेकर रायला कहती हैं कि ये गलत फैसला तो नहीं था। किसी की गलत करतूतों के लिए मैं अपने रब को इल्जाम नहीं दूंगी। ये किसी दूसरे की करतूतें हैं, जिन्होंने किया वो लोग गलत हैं। मेरा रब कैसे गलत हो सकता है, वही उन्हें बाहर लेकर आएगा। देखना इंशा अल्लाह, दुनिया की हर ताकत पलट जाए। आखिरी दम तक अपने हसबैंड के लिए लड़ूंगी। इंशा अल्लाह मेरा रब लेकर आएगा उन्हें वापस।





झूठे आरोपों से नहीं लगता डर





पति पर लगे झूठे आरोपों से के बारे में रायला कहती है कि उन्हें डर नहीं लगता है। बिना मतलब के किसी की जिंदगी खराब कर देना। उन्होंने मेरे शौहर का पूरा करियर खराब कर दिया। उसके बाद वो लोग कहते हैं कि हम बड़े ओहदों पर बैठे हैं। आपके पास पॉवर है तो आप किसी भी आम इंसान की जिंदगी बर्बाद कर दोगे क्या। अल्लाह के यहां क्या जवाब देंगे ये?





नौकरी के दौरान हुई थी सौरभ से मुलाकात





मानसी उर्फ रायला बताती है कि भोपाल में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान सौरभ से उसकी मुलाकात हुई थी। मूलत: बुरहानपुर की रहने वाली रायला कम्यूटर साइंस में ग्रेजुएट है और एमबीए भी किया। 2010 में यहां एक प्राइवेट कॉलेज में नौकरी करने के दौरान उसकी पहचान सौरभ जैन से हुई थी। फिर दोनों ने शादी कर ली। 2013 में जब सौरभ भोपाल के टीआईटी कॉलेज में फार्मेसी का प्रोफेसर बना, उसी दौरान प्रोफेसर कमाल ने उसका ब्रेन वॉश किया। फिर सौरभ का रुझान इस्लाम की तरफ बढ़ने लगा। वह घर में डॉ. जाकिर नाइक के वीडियो देखने लगा। घर के कमरे में नमाज पढ़ने लगा। घर में अपने पिता से कहने लगा कि दुनिया में सिर्फ इस्लाम की सत्ता होगी। धीरे-धीरे उसने घर की रवायतों को छोड़ दिया।





बच्चों को जैन मंदिर जाने से रोका





पति का मुस्लिम समाज के प्रति बढ़ते रुझान को देखते हुए मानसी भी नमाज पढ़ने लगी। बच्चों को जैन मंदिर में जाने से रोका जाने लगा। सौरभ 2014 में जाकिर नाइक से मिलने मुंबई गया। वहां उसे सलीम नाम दिया गया। पत्नी मानसी, बेटों अनुनय और वत्सल का नाम भी बदल गया। मानसी अब रायला हो गई। बेटा अनुनय, यूसुफ और वत्सल, इस्माइल हो गया।





रायसेन के जंगलों में चलाता रहा कैंप





कट्‌टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) या तहरीक-ए-खिलाफत मध्यप्रदेश में कैसी-कैसी गतिविधियां चला रहा था, ये जानकर एटीएस भी हैरान है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि इस संगठन के सदस्य रायसेन के जंगलों में चोरी छिपे कैंप करते थे। इन कैंपों में इन्हें फायरिंग की ट्रेनिंग दी जाती थी। संगठन के सदस्यों को इनके परिवार की महिलाओं का भी समर्थन था।





मप्र से 11 संदिग्ध आतंकियों को हिरासत 





मप्र एटीएस और तेलंगाना एटीएस की टीम ने 16 मई की सुबह भोपाल और छिंदवाड़ा में दबिश दी। दोनों जगह से 11 संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, इनके आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) से जुड़े होने के सबूत मिले हैं। बताया गया है कि HUT के कुल 16 सदस्यों को हिरासत में लिया गया। इनमें भोपाल और छिंदवाड़ा के 11 जबकि तेलंगाना के 5 संदिग्ध शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो हिरासत में लिए गए लोगों में भोपाल गैस त्रासदी एक्टिविस्ट का बेटा भी शामिल है।



 



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