मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की साख दांव पर, राजस्थान में अंबानी-अडाणी ने किए थे 1.65 लाख करोड़ के करार

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मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की साख दांव पर, राजस्थान में अंबानी-अडाणी ने किए थे 1.65 लाख करोड़ के करार

संजय गुप्ता, INDORE. मध्य प्रदेश की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की उलटी गिनती जारी है,  11 व 12 जनवरी को इंदौर में इसका आयोजन है। वहीं इस बार मप्र की समिट की साख दांव पर है, क्योंकि अक्टूबर माह में ही राजस्थान में हुई समिट में देशभर के कई बड़े कॉर्पोरेट टायकून पहुंचे और करीब 11 लाख करोड़ के करार भी किए। केवल मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने ही एक लाख करोड़ के और दुनिया के दूसरे नंबर के अमीर व्यक्ति गौतम अदाणी ने वहां 65 हजार करोड़ के निवेश करार किए थे। राजस्थान के करार में से अधिकांश राजस्थान का इनवेस्टमेंट बोर्ड समिट से पहले ही औपचारिक मंजूरी दे चुका था। ओडीशा जैसे छोटे राज्य ने भी समिट के दौरान करीब दस लाख करोड़ के करार हासिल किए हैं। वहीं इन सभी से बढ़कर फरवरी माह में यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी समिट के लिए निवेश का लक्ष्य 17 लाख करोड़ रखा है। 



इसलिए है मप्र की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की साख दांव पर



1. 5.63 लाख करोड़ से ज्यादा के करार कभी नहीं हुए-  मप्र में साल 2007 से हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कभी भी करार छह लाख करोड़ के आंकंड़े को छू नहीं पाया, साल 2016 की समिट में सबसे ज्यादा 5.63 लाख करोड़ के करार हुए थे। हालांकि यह भी उतना ही सच है कि यह करार कागजी ही होते हैं, मप्र में एक साल में कभी भी 20 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश ही नहीं आता है। 



2. अंबानी और अदाणी दोनों का आना तय नहीं-  एशिया के नंबर वन व दुनिया के नंबर टू अमीर व्यक्ति गौतम अदाणी ना केवल राजस्थान समिट में पहुंचे थे, बल्कि उन्होंने सीएम अशोक गेहलोत के साथ लंबा समय बिताया था। एक ही ई-व्हीकल में भी घूमे थे। मुकेश अंबानी समिट में नहीं पहुंचे, लेकिन उन्होंने एक लाख करोड़ के निवेश करार पहले ही कर लिए और बाद में नाथद्वारा से 5जी की शुरूआत करने पहुंचे। 



3. कई और बड़े कॉर्पोरेट घराने भी पहुंचे थे राजस्थान- राजस्थान की समिट में करीब 11 लाख करोड़ के कुल 4192 करार हुए थे। देश के कई जाने-माने कॉर्पोरेट घराने के प्रमुख वहां पहुंचे थे। इसमें अदाणी के साथ ही डॉ. प्रवीर सिन्हा, सीईओ एवं प्रबंध निदेशक, द टाटा पावर कंपनी लिमिटेड; डॉ अनीश शाह, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड; बी संथानम, अध्यक्ष, सेंट गोबेन इंडिया; अजय एस श्रीराम, अध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रबंध निदेशक, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड; सी के बिड़ला, अध्यक्ष, नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड; संजीव बजाज, अध्यक्ष सीआईआई और अध्यक्ष एवं एमडी, बजाज फिनसर्व लिमिटेड; अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, वेदांता समूह; एल एन मित्तल, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर्सेलर मित्तल आदि शामिल हुए। मप्र में कितने बड़े उद्योगपति शामिल होते हैं, इस पर सभी की नजरें रहेंगी। 



4. यूपी पहले ही ले चुका सात लाख करोड़ के करार-  यूपी ने पहले समिट के लिए दस लाख करोड़ के करार का लक्ष्य रखा था, लेकिन यूपी सरकार और योगी द्वारा किए गए रोड शो व अन्य चर्चाओं के बाद दो माह पहले ही सात लाख करोड़ के करार पूरे कर लिए, इसे देखते हुए लक्ष्य को बढ़ाकर 17 लाख करोड़ कर दिया गया है। ऐसे में तय है यूपी एक नया रिकार्ड बनाने जा रहा है। 



5. यूपी सरकार ने अमेरिका और यूके का दौरा कर वहीं से ही चार लाख करोड़ के करार कर लिए। इस बार मप्र की ओर से निवेश को लेकर कोई बड़ा विदेशी दौरा नहीं हो सका है। एक दौरा सीएम का पहले होना था लेकिन बाद में वह निरस्त हो गया। हालांकि अधिकारी गए थे।



6. ओडिशा जैसे राज्य में नवंबर- संबर में हुई ग्लोबल समिट के दौरान 9.83 लाख करोड़ के करार होने की घोषणा हुई, यहां पर 3262 प्रस्ताव आए, जिसमें से 2237 मंजूर भी हो गए। इससे यहां पर 5.50 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। समिट के लिए करीब 19 हजार डेलीगेट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था। 



बड़े लोगों को बुलाना, करार को अमल में लाना चुनौती



प्रदेश सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती तो पहले देश के जाने-माने कॉर्पोरेट हस्तियों को बुलाना है, इसके साथ ही होने वाले करारों को अमल में लाना दूसरी बड़ी चुनौती है। साल 2016 की समिट के बाद से भी निवेश करार देखा जाए तो केंद्र के औद्योगिक निवेश की रिपोर्ट भी कोई बहुत अधिक सकारात्मक नहीं है। इस रिपोर्ट के मुताबिक मप्र में 20 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश प्रति साल नहीं होता है। 



डेढ़ लाख करोड़ की सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री पहुंच गई गुजरात



निवेश को लेकर सबसे बड़ा दाव सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री का है, भारतीय समूह वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपए के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेगी। पहले यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में आने का था लेकिन बाद में गुजरात सरकार के साथ सितंबर में करार हो गया। एक हजार एकड़ में यह प्रोजेक्ट आना है। इसके लिए राजस्थान समिट के दौरान सीएम अशोक गेहलोत ने भी वेदांता ग्रुप को प्रस्ताव दे दिया था कि महाराष्ट्र और गुजरात के बीच लड़ाई चल रही है तो फिर इस प्लांट को राजस्थान में लगा दीजिए पूरा सहयोग देंगे। लेकिन इतने बड़े प्रोजेक्ट को लेकर मप्र की ओर से कोई बड़ी पहल सामने नहीं आई, जबकि आने वाले दिनों में यह इंडस्ट्री, गेमचेंजर होने जा रही है। गुजरात के अहमदाबाद में देश का यह पहला प्लांट होगा।

 


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