BHOPAL. गौठानों को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दल बीजेपी के नेता गौठानों में जा रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि गौठानों में न तो चारे की व्यवस्था है न पानी की और करोड़ों रुपए फूंक दिए गए हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ का गौठान मॉडल मध्यप्रदेश के गौ संवर्धन बोर्ड को बेहद पसंद आया है और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर भी गौठान बनाने का प्रस्ताव गौ संवर्धन बोर्ड ने सरकार को दिया है। यानी जिस गौठान पर छत्तीसगढ़ में सियासत हो रही है उसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में गायों के संरक्षण का खाका खींचा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ मॉडल पर मध्यप्रदेश में गौठान बनाने की तैयारी
छत्तीसगढ़ में बीजेपी के नेता गौठानों में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने 2018 में नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू की। कांग्रेस इस योजना की पूरे देश में ब्रॉन्डिंग कर रही है। इसके तहत पूरे प्रदेश में गौठान बनाए गए थे, लेकिन बीजेपी का कहना है कि योजना जमीन पर फेल है। गौठान केवल नाम भर के हैं। इस मसले पर छत्तीसगढ़ में सियासी आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति जोरों पर है। अब जिन गौठानों को लेकर छत्तीसगढ़ बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं वो गौठान मध्यप्रदेश के गौ संवर्धन बोर्ड को काफी पसंद आए हैं और गौ संवर्धन बोर्ड इसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में गौठान तैयार करने की योजना बना रहा है।
बेसहारा गायों को आसरा देने के लिए प्रस्ताव तैयार
गौ संवर्धन बोर्ड ने बेसहारा गायों को आसरा देने के लिए ये प्रस्ताव तैयार किया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में गायों की संख्या करीब 8 लाख है। गौशालाओं में करीब 3 लाख गायें रहती हैं, बाकी 5 लाख से ज्यादा सड़कों पर घूमती हैं। गौठान वो खुली जगह होती है जो गांवों से दूर होती है, यहां इनके चारे और पानी की व्यवस्था होती है। गौठान बनाने के लिए जगहों की तलाश की जा रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ की तर्ज पर गोबर के साथ गौमूत्र खरीदने की योजना पर भी सरकार सहमत है। छत्तीसगढ़ में ये गोधन न्याय योजना के नाम से संचालित है ,यहां इसका नाम गोवर्धन न्याय योजना होगा।
छत्तीसगढ़ के मॉडल को अपनाने को तैयार मध्यप्रदेश बीजेपी
छत्तीसगढ़ में गौठान बड़ा मुद्दा है तो मध्यप्रदेश में सड़क पर घूमती हुई गायें। 20 साल पहले मध्यप्रदेश में पंच 'ज' अभियान शुरू किया गया था, उस समय उमा भारती मुख्यमंत्री थी। इस अभियान में गायों का भी महत्व था। बहरहाल, जिस छत्तीसगढ़ मॉडल की हवा निकालने में छत्तीसगढ़ की बीजेपी जुटी हुई है। उसी मॉडल को पूरी तरह से अपनाने में मध्यप्रदेश की बीजेपी तैयार नजर आती है।