ऑनलाइन गैंबलिंग पर रोक लगाने की तैयारी कर रही मध्यप्रदेश सरकार, इधर भोपाल नगर निगम की संपत्ति पर ही हो रहा ऑनलाइन सट्टे का प्रचार

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Rahul Sharma
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ऑनलाइन गैंबलिंग पर रोक लगाने की तैयारी कर रही मध्यप्रदेश सरकार, इधर भोपाल नगर निगम की संपत्ति पर ही हो रहा ऑनलाइन सट्टे का प्रचार

BHOPAL. इन दिनों आईपीएल का जोश युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। क्रिकेट प्रेमियों के लिए ये इवेंट किसी त्योहार से कम नहीं, पर इसका दूसरा पक्ष भी है। आईपीएल के साथ ही गर्म हो जाता है सट्टे का बाजार। द सूत्र की पड़ताल आज इसी मुद्दे पर है कि कैसे ऑनलाइन सट्टे का बाजार फल-फूल रहा है, क्यों इस पर रोक नहीं लग पा रही, कितना बड़ा है ये कारोबार और कैसे युवा इसकी चपेट में आकर बर्बाद हो रहे हैं। सरकारी तंत्र कैसे एक ओर इस पर रोक लगाने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर सरकारी संपत्ति पर ही खुलेआम सट्टे का प्रचार होता है।



हाल ही में ग्वालियर में पकड़ाया 2 करोड़ का सट्टा



ग्वालियर में हाल ही में 6 लोगों को आईपीएल में सट्टा लगाते हुए गिरफ्तार किया। एडिशनल एसपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल को चेक करने पर उसमें हैदराबाद और दिल्ली के बीच चल रहे आईपीएल मैच पर लिंक के माध्यम से अन्य लोगों को लिंक भेजकर सट्टा खिलवाना पाया गया। पुलिस टीम द्वारा पकड़े गए सटोरियों की तलाशी लेने पर उनके पास से कुल 29 हजार रुपए नगद, 12 मोबाइल और एक लैपटॉप, 3 कैल्क्युलेटर, 7 रजिस्टर और 2 कार (वेन्यू एवं सेलेरियो) मिले। पुलिस द्वारा पकड़े गए सटोरियों से मिले मोबाइलों को चेक करने पर उसमें लगभग 2 करोड़ रूपये का हिसाब-किताब भी मिला।



नाना के खाते से साढ़े 8 लाख का आईपीएल में लगा दिया सट्टा



मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में साल 2022 में आईपीएल में ऑनलाइन सट्टे का एक बड़ा मामला सामने आया था जिसमें सनत कुमार जायसवाल नाम के एक युवक ने अपने ही नाना के खाते से साढ़े 8 लाख रुपए की राशि निकाली थी। इस रकम को उसने आईपीएल के सट्टे में लगाकर बर्बाद कर दिया। इसी मामले में सनत कुमार जायसवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार से इसकी रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए जाने को लेकर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा था।



राज्य सरकार के रवैये पर हाईकोर्ट जता चुका है नाराजगी



हाईकोर्ट ने अगस्त 2022 को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि ऑनलाइन गैंबलिंग पर अंकुश लगाने जरूरी कदम उठाए। इसके बाद राज्य सरकार ने कानून का मसौदा तय करने के लिए 3 माह का समय मांगा। 3 महीने में भी सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं होने पर बलपुर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई। मार्च में हुई सुनवाई के दौरान सरकार ये भी नहीं बता पाई कि इससे जुड़ा बिल विधानसभा में विचार के लिए कब लाया जाएगा। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में ठोस निर्णय लेने में अब अधिक समय इंतजार नहीं किया जा सकता। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने प्रमुख सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह से पूछा कि यह बिल विधानसभा में बहस और वोटिंग के लिए कब रखा जाएगा, ​इसकी भी जानकारी दें। इसके बाद सरकार हरकत में आई।



ऑनलाइन गैंबलिंग को रोकने सरकार क्या कर रही तैयारी



हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद सरकार हरकत में आई और ऑनलाइन गैंबलिंग को रोकने सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया, जिसकी बैठक 27 अप्रैल गुरुवार को हुई। इस बैठक में पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट 2023 के प्रथम ड्राफ्ट पर चर्चा हुई। 4 मई को टास्क फोर्स की अंतिम बैठक में ऑनलाइन गैम्बलिंग के विरुद्ध प्रावधानों को राज्य सरकार को अनुशंसा करने हेतु अंतिम रूप दिया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में सार्वजनिक जुआ अधिनियम 1876 लागू है। इसमें संसोधन का प्रस्ताव तैयार कर 15 मई तक टास्क फोर्स अपनी अनुशंसाएं सीएम को प्रस्तुत कर देगी, जिसके बाद सीएम इस पर फैसला लेंगे। ये तो वो प्रक्रिया हो गई जो अभी चल ही रही है, अब हम आपको बताते हैं कि सरकारी संपत्ति पर ऑनलाइन सट्टे का किस हद तक प्रचार प्रसार हो रहा है।



भोपाल नगर निगम की संपत्ति पर लगे होर्डिंग और पोस्टर



लोटस 365, फेयर प्ले और 1 एक्स बेट जैसे ऑनलाइन मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए युवा आईपीएल पर पैसों के दांव लगा रहे हैं। ये एक तरह का अघोषित सट्टा ही है, जिसे ऑनलाइन गैम्बलिंग के नाम पर युवाओं को परोसा जा रहा है। बागसेवनिया थाने से महज 80 मीटर दूर आशिमा मॉल की ओर बीआरटीएस कॉरिडोर में 1 एक्स बेट का बड़ा होर्डिंग लगा हुआ है। मिसरोद रेलवे पुलिया, 11 मील पुल, आरआरएल पुलिया के पास फेयर प्ले के होर्डिंग देखने को मिल जाएंगे। वहीं शहरभर में बीसीएलएल के बस स्टॉप पर लोटस 365 के पोस्टर लगे हुए हैं। एक ओर सरकार दावा कर रही है कि वो ऑनलाइन गैम्बलिंग को रोकने के लिए गंभीर है और दूसरी ओर भोपाल नगर निगम की संपत्तियों पर खुलेआम इसका प्रचार-प्रसार हो रहा है।



ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने वाला देश का पहला राज्य बना तमिलनाडु



साल 2022 से ही मीडिया की सुर्खियों में ये प्रचार होने लगा था कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बनने वाला है ​जो ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाएगा, ​इसके लिए जल्द मसौदा तैयार कर लिया जाएगा। हालांकि ये सब बस मीडिया की सुर्खियां ही बनकर रह गया और सरकार इसे लेकर तब तक गंभीर नहीं हुई जब तक कि हाईकोर्ट ने अपनी सख्त नाराजगी नहीं जता दी। इधर 23 मार्च 2023 को तमिलनाडु विधानसभा ने ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को पारित कर दिया। इसके साथ ही तमिलनाडु ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने वाला देश का पहला राज्य बन गया।



देश के रक्षा बजट के बराबर है सट्टेबाजी का कारोबार



4 साल पहले यानी 2019 में आई फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सट्‌टेबाजी का कारोबार 3 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा पर पहुंच गया है, जो उसी समय भारत के रक्षा बजट के करीब-करीब बराबर ही था। वहीं 1 अप्रैल 2022 को कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस ने ऑनलाइन गेमिंग (रेगुलेशन) बिल, 2022 पेश किया था। जिसमें बताया गया था कि भारत में साल 2022 में लगभग 42 करोड़ सक्रिय ऑनलाइन गेमर्स हैं। साल 2021 में लगभग 39 करोड़ (390 मिलियन), 2020 में 36 करोड़ और 2019 में 30 करोड़ (300 मिलियन) सक्रिय गेमर्स दर्ज किए गए थे। भारतीय ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री हर साल करीब 30 प्रतिशत की दर से फल-फूल रही है। इसी बिल में बताया गया था कि साल 2025 तक इसके 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।



एक-एक बॉल पर भी लगता है सट्‌टा



क्रिकेट के सट्‌टे में जानकारी की गति बहुत मायने रखती है। मैच शुरू होते ही सट्‌टेबाज लगातार एक-दूसरे के टच में रहते हैं। कम्युनिकेशन के लिए अधिकतर व्हाट्सएप का ही इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि ये सुरक्षित होता है। सट्‌टा सिर्फ वास्तविक नतीजों पर ही नहीं होता बल्कि इसमें कई फैक्टर होते हैं, जैसे एक ओवर में कितने रन आए, किस बॉलर ने कितने विकेट लिए, चौके और छक्के कितने लगे, खाली बॉल कितनी रहीं और रन आउट कितने हुए। इसी के चलते क्रिकेट की सट्‌टेबाजी में जानकारी बहुत ज्यादा मायने रखती है। बुकी लाइव फीड के लिए गैजेट्स इंस्टॉल करके रखते हैं।



ऐसे बनाया जाता है युवाओं को शिकार



ऑनलाइन सट्टा लगाने के लिए पहले कुछ रुपए देकर मोबाइल एप्लीकेशन या वेबसाइट के जरिए एकाउंट ओपन करवाना पड़ता है। आप रजिस्ट्रेशन के लिए जितना पैसा देते हैं, पहली बार के लिए उसमें कंपनी अपनी ओर से बोनस ऐड कर देती है, ताकि आपने जो राशि दी है आप उससे ज्यादा राशि का सट्टा लगा सके। मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं कि ये पूरा एक साइकोलॉजिकल ट्रैप है। कई बार छोटी-छोटी रकम जिताई ही इसलिए जाती है ताकि आप इन गेम के आदी बनें और ज्यादा से ज्यादा पैसा लगाएं।



पैसा डूबने के बाद डिप्रेशन में चले जाते हैं लोग



सट्टा खेलने वाले युवा एक-दो छोटी रकम जीत भी जाते हैं, इसके बाद वे और पैसा कमाने के चक्कर में क्रिकेट में लाखों रुपए का सट्टा लगाकर बर्बाद हो जाते हैं। ऐसे भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जब पैसा गंवाने के बाद लोगों ने आत्महत्या कर ली। मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि पैसा डूब जाने के बाद युवा और कई केस में अधेड़ उम्र के व्यक्ति भी मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जूझने लगते हैं। जिसका परिणाम शराब, आत्महत्या के प्रयास, अनिद्रा और गृह क्लेश के रूप में सामने आते हैं।



वीडियो देखने के लिए क्लिक करें.. देश के रक्षा बजट से भी ज्यादा ऑनलाइन गैंबलिंग का कारोबार



हमें ही करनी होगी बच्चों की मॉनीटरिंग, जिम्मेदार फिलहाल तो बेबस



राजधानी भोपाल में खुलेआम ऑनलाइन गैम्बलिंग के नाम पर सट्टे का प्रचार चल रहा है, लेकिन प्रदेश में इसकी रोकथाम के लिए कोई कानून नहीं होने से जिम्मेदार बेबस ही नजर आ रहे हैं। स्टेट साइबर पुलिस के एडीजी योगेश देशमुख का कहना है कि ऑनलाइन सट्टे पर कार्रवाई फील्ड यूनिट में तैनात पुलिस करती है। यदि उन्हें साइबर सेल से जांच के लिए किसी तरह की मदद चाहिए तो आईटी एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाती है। वहीं भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र का कहना है कि ऑनलाइन गैम्बलिंग के लिए जल्द ही एक्ट आने की उम्मीद है जिसके बाद और भी सख्त कार्रवाई की जा सकेगी। ये तो बात हुई जिम्मेदारों की, अब नगर निगम की बात करें तो भोपाल नगर निगम होर्डिंग के एवज में मोटी रकम लेती है, उसे सिर्फ इसमें पैसा नजर आता है और इसलिए ऑनलाइन सट्टे के प्रचार-प्रसार से भी उसे आपत्ति नहीं। कुल मिलाकर जब तक प्रदेश में कोई सख्त कानून नहीं आ जाता तब तक हमें अपनी अपने बच्चों की मॉनिटरिंग करनी होगी। हमें अपने ऑनलाइन बिहेवियर को और बेहतर करने की आवश्यकता है ताकि हमें सही गलत की जानकारी हो।


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