Madhya Pradesh: मायके में हारे सिंधिया-तोमर, ससुराल में हारे नड्डा-वीडी; भोपाल में पीसी, अकील, मसूद तो इंदौर में जीतू बेअसर

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Shivasheesh Tiwari
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Madhya Pradesh: मायके में हारे सिंधिया-तोमर, ससुराल में हारे नड्डा-वीडी; भोपाल में पीसी, अकील, मसूद तो इंदौर में जीतू बेअसर

BHOPAL. नगरीय निकाय चुनाव (urban body elections) के पहले चरण के नतीजे बेहद अहम माने जा सकते हैं। सत्ताधारी बीजेपी (bjp) हो या विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) दोनों ने विधायकों को निकाय जिताने की जिम्मेदारी सौंपी थी। हिदायत ये भी दी गई थी कि यदि निकाय हारे तो आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी उम्मीदवारी पर संकट आ सकता है। भोपाल में कांग्रेस के तीन विधायक और इंदौर (indore) के एक विधायक पूरी तरह बेअसर नजर आए। यहां तक कि उनके विधानसभा (Vidhan Sabha) क्षेत्रों में भी कांग्रेस को बढ़त नहीं मिल सकी। वहीं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में दल बल के साथ गए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) अपना गढ़ ग्वालियर (Gwalior) ही नहीं बचा सके। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) अपनी ससुराल में शिकस्त खा गए। तन्खा के सामने विश्नोई और रोहाणी दोनों फेल हो गए। 



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भोपाल- राजधानी भोपाल में कांग्रेस की मेयर उम्मीदवार को 98 हजार से ज्यादा की शिकस्त मिली। यहां पर कांग्रेस के तीन विधायक हैं पीसी शर्मा, आरिफ अकील और आरिफ मसूद हैं। तीनों निकाय चुनाव की परीक्षा में फेल हो गए। इन तीनों विधायकों के क्षेत्र में कांग्रेस को बढ़त नहीं मिली। वहीं बीजेपी के विधायक रामेश्वर शर्मा, विश्वास सारंग और कृष्णा गौर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की शाबासी हासिल हुई। बीजेपी के मेयर कैंडिडेट ने इतनी बड़ी लीड लेकर कांग्रेस के सारे गणित गड़बड़ा दिए। 



इंदौर- इंदौर में सवा लाख की लीड लेकर बीजेपी के पुष्यमित्र भार्गव ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को निकाय चुनाव में फेल कर दिया। कमलनाथ की सभाएं भी कोई काम न आ सकीं। यहां पर विधायक संजय शुक्ला ही कांग्रेस के कैंडिडेट थे, उनके विधानसभा क्षेत्र से ही बीजेपी कैंडिडेट को बीस हजार की लीड मिल गई। यानि उनको आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी की तैयारी नए सिरे से करनी होगी। 



जबलपुर- जबलपुर में कांग्रेस ने ढाई दशक का इतिहास एक झटके में बदल दिया। यहां पर सांसद विवेक तन्खा की सिफारिश पर जगह बहादुर अन्नू को टिकट दिया गया। अन्नू ने 44 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की। यहां पर तन्खा के अलावा विधायक तरुण भानोट, लखन घनघोरिया और विनय सक्सेना अच्छे नंबर से पास हो गए। इनको दोबारा विधायकी की उम्मीदवारी मिलना तय हो गई है। यहां पर रोचक बात ये भी है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की ससुराल में कांग्रेस ने सेंधमारी कर दी। ये दो बड़े नेता अपनी ससुराल ही नहीं बचा पाए। इनके अलावा विधायक अजय विश्नोई और अशोक रोहाणी भी इस एग्जाम में बुरी तरह फेल हो गए।



ग्वालियर- ग्वालियर में कांग्रेस ने 57 सालों का इतिहास बदल दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस ने उनके घर में घुसकर मात दे दी। यहां पर 57 साल बाद कांग्रेस की शोभा सिकरवार 28 हजार से जीतकर मेयर की चेयर हासिल कर पाई हैं। एक बात गौर करने वाली ये भी है कि सिंधिया जब तक कांग्रेस में रहे तब तक कांग्रेस का मेयर नहीं बना और जब वे बीजेपी में चले गए हैं तो ग्वालियर में बीजेपी का मेयर नहीं बन सका। सिंधिया के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इस परीक्षा को पास न कर सके और फेल हो गए। मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को भी यहां की जनता ने असलियत दिखा दी। यहां पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, विधायक प्रवीण पाठक, सतीश सिकरवार के साथ अशोकर सिंह, रामनिवास रावत भी अच्छे नंबरों से पास हुए हैं।


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