उज्जैन. महाकाल (Mahakal) की नगरी में बुधवार मध्यरात्रि एक अद्भुत मिलन देखने को मिला। यहां भगवान महाकालेश्वर हरी से मिलने गोपाल मंदिर (Gopal Mandir) पहुंचे। इस दौरान भगवान महाकाल चंद्रमौलेश्वर रूप में दिखे। देर रात हुए इस मिलन के दौरान बाबा महाकाल ने सृष्टि का भार अब श्री हरी को सौंप दिया है।
फूलों से लदी पालकी में आए थे महाकाल
श्री हरी से मिलने गोपाल मंदिर पहुंचे महाकाल फूलों से लदी पालकी में सवार होकर आए थे. इस दौरान सवारी के आगे-आगे कलेक्टर और मंदिर समिति के अध्यक्ष आशीषसिंह, एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल, एडिशनल एसपी अमरेंद्रसिंह और मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ चले।
वापस कैलाश पर्वत लौटेंगे शिव
पुराणों में कहा गया है कि, देवउठनी एकादशी तक सम्पूर्ण सृष्टि का भार शिव भगवान के पास रहता है। एकादशी तक भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करने चले जाते हैं। बैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन हर-हरि को उनकी सत्ता का भार वापस सौंपकर कैलाश पर्वत तपस्या के लिए लौट जाते हैं। इस धार्मिक परंपरा को हरिहर मिलन कहते हैं।