उज्जैन. महाकाल प्रबंध समिति ने 28 सितंबर को बड़े फैसले लिए हैं। समिति ने भस्म आरती (Bhasma Aarti) और 100 रुपए के प्रोटोकॉल टिकट पर छपी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirling) की तस्वीर हटाने का निर्णय लिया है। समिति ने यह फैसला पुजारियों के विरोध के बाद लिया है। पुजारियों ने समिति के सामने तर्क रखा था कि दर्शन के लिए जारी होने वाले टिकट आमतौर पर फेंक दिए जाते हैं, इससे उन पर छपी तस्वीर का अपमान होता है। इसके साथ ही समिति ने पुजारी के जरिए जल चढ़वाने की व्यवस्था को भी खत्म कर दिया है।
गणपति मंडपम के पास रैलिंग लगाई
समिति ने गणपति मंडपम की पहली रैलिंग के पहुंच मार्ग पर अस्थाई स्टील के बैरिकेड लगवा दिए हैं। ताकि कोई भी पुरोहित या उनके प्रतिनिधि श्रद्धालुओं तक नहीं पहुंचकर जलाभिषेक नहीं करवा सकें। महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) के पुजारी पं. महेश पुजारी ने बताया कि किसी भी ऐसी वस्तु जो पैरों में आए उस पर भगवान का फोटो नहीं छापा जाना चाहिए। इससे भगवान का अपमान होता है।
25 सितंबर को वैकल्पिक व्यवस्था लागू की थी
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्मारती दर्शन की ऑनलाइन बुकिंग के लिए मंदिर समिति ने नई व्यवस्था 25 सितंबर से लागू की थी। इसके लिए श्रद्धालुओं को मंदिर की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा। बुकिंग कंफर्म होने के बाद श्रद्धालु भस्मारती दिनांक से एक दिन पहले मंदिर आकर मैन्युअल 100 रुपये शुल्क जमा करा सकेंगे। वैकल्पिक व्यवस्था साफ्टवेयर अपडेट होने तक की गई है।