मैहर BJP MLA त्रिपाठी की नड्डा को चिट्ठी- गुजरात की तर्ज पर MP में भी हों सरकार-संगठन में बदलाव, इससे खत्म होगी एंटीइन्कंबेसी

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Atul Tiwari
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मैहर BJP MLA त्रिपाठी की नड्डा को चिट्ठी- गुजरात की तर्ज पर MP में भी हों सरकार-संगठन में बदलाव, इससे खत्म होगी एंटीइन्कंबेसी

BHOPAL. गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मध्यप्रदेश बीजेपी में भी सरकार और संगठन में बड़े बदलाव की मांग उठने लगी है। इसकी शुरुआत सतना जिले के मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने की है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को बाकायदा पत्र लिखकर गुजरात की तरह मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार और संगठन में आमूलचूल बदलाव की मांग उठाई है।



बदलाव से प्रदेश में एंटीइन्कंबेंसी खत्म होगी 



बीजेपी में असंतुष्ट विधायकों में शुमार नारायण त्रिपाठी ने जेपी नड्डा को भेजे गए पत्र में लिखा है कि गुजरात में पार्टी की शानदार एवं ऐतिहासिक विजय के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएं। विनम्र निवेदन है कि मध्य प्रदेश में हमारे जैसे छोटे कार्यकर्ता जो कि पार्टी के हमेशा से शुभचिंतक हैं और चाहते हैं कि प्रदेश में फिर से गुजरात की तर्ज पर सरकार बने। इसके लिए कार्यकर्ताओं की मंशा अनुरूप यहां भी सत्ता एवं संगठन में पूरी तरह बदलाव किया जाए, ताकि प्रदेश में नए युग की शुरुआत हो और जनता के बीच एंटी इन्कंबेंसी खत्म हो। नए लोगों को अवसर दिया जाकर नई कार्यप्रणाली से सत्ता व संगठन का संचालन हो सके। परिणामस्वरूप प्रदेश में प्रचंड बहुमत से पार्टी की सरकार बने। आपसे निवेदन है कि मध्य प्रदेश में सत्ता एवं संगठन में पूरी तरह बदलाव के मेरे जैसे तमाम कार्यकर्ताओं के आंकलन एवं मंच पर विचार करने की कृपा करेंगे। जिससे यहां फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन सके व विकास एवं जनकल्याण की गति निर्बाध रूप से जारी रह सके।



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अपने बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं त्रिपाठी



पूर्व कांग्रेस नेता नारायण त्रिपाठी ने 2014 लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी जॉइन की थी। उन्होंने जुलाई 2022 में आरोप लगाया कि पटवारियों से लेकर बड़े अधिकारी तक बीजेपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं। मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि चुनाव नहीं होने चाहिए। जैसे राज्य विधानसभा में जहां विधेयक ध्वनि मत से पास होते हैं, उसी तरह की व्यवस्था होनी चाहिए। मैं अपने मतदान का दौरा करता रहता हूं, ऐसा लगता है कि यहां चुनाव आयोग नहीं है। त्रिपाठी के इस बयान की दिग्विजय ने तारीफ की थी, कहा था- चलो बीजेपी में कोई तो है जिसने सच बोलने का साहस किया।



2020 में त्रिपाठी ने कहा था कि पूर्व पीएम स्व अटलजी भी छोटे राज्यों के पक्षधर थे। लिहाजा विंध्य प्रदेश बनना चाहिए। उन्होंने कहा था कि एमपी का विभाजन होगा और विंध्य प्रदेश बनेगा। उनका कहना है कि विंध्य की अब तक उपेक्षा होती रही है, इसलिए उसे अलग प्रदेश बनना जरूरी है। एक बार विधानसभा सत्र में उन्होंने कमलनाथ सरकार का समर्थन किया था। त्रिपाठी ने क्रॉस वोटिंग भी की थी।



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EWS आरक्षण को लेकर की थी मांग



बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने 29 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018-19 में ईडब्ल्यूएस वर्ग को ओबीसी के समान अंकों में छूट देने की मांग की थी। नारायण त्रिपाठी का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए दिए गए ईडब्ल्यूएस आरक्षण को पूर्ण रूप से इस परीक्षा में लागू नहीं किया गया है। पत्र में विधायक त्रिपाठी ने राजस्थान और उत्तराखंड का उल्लेख किया था। दोनों राज्यों की बात करते हुए उन्होंने लिखा था कि राजस्थान और उत्तराखंड में ईडब्ल्यूएस वर्ग को ओबीसी के समान न्यूनतम अंको में छूट दी गई है। राजस्थान में यूजीसी नेट 2020-21 और समस्त एसएससी और केंद्र सरकार की विभिन्न भर्तियों में ईडब्ल्यूएस श्रेणी को ओबीसी के समान रियायते दी गई हैं। इसलिए अब उन्होंने सीएम शिवराज से आग्रह किया है कि कमजोर रूप से गरीब को ईडब्ल्यूएस श्रेणी की उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018-19 में रियायत प्रदान करते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा में अवसर प्रदान किया जाए। 



शिवराज सरकार की इमेज खराब करने में जुटे अधिकारी- नारायण त्रिपाठी



विधायक नारायण त्रिपाठी ने 31 अगस्त को आरोप लगाया था कि विंध्य क्षेत्र में बिजली कटौती हो रही है। अधिकारी-कर्मचारी गलत रिपोर्ट सरकार को सौंप रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारी और अधिकारी बिजली व्यवस्था को लेकर सरकार और बीजेपी की इमेज खराब करने में जुटे हैं। नसीहत देते हुए विधायक ने कहा था कि साल 2003 में जैसा हाल दिग्विजय सिंह की सरकार का हुआ था, वैसा हाल बीजेपी का ना हो, इसलिए जमीनी हकीकत जानी जाए। 



पार्टियां बदलते रहे हैं नारायण त्रिपाठी 



मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी मौका देखकर दल बदल लेते हैं। एक ही सीट से तीन अलग-अलग पार्टियों के बैनर पर चुनाव लड़कर जीतने का रिकॉर्ड भी नारायण त्रिपाठी के पास है। वे पहली बार 2003 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैहर से जीते, लेकिन वे अगला चुनाव (2008) हार गए। 2013 में कांग्रेस के टिकट पर जीते। 2018 में बीजेपी से टिकट मिला और जीत गए। अभी बीजेपी से विधायक हैं।


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