Damoh. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानि एनसीपीसीआर के अध्यक्ष ने दमोह में बड़ी कार्रवाई की है। आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो व सदस्य ओंकार सिंह ने दमोह पहुंचकर ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित किए जा रहे छात्रावासों का औचक निरीक्षण किया। बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ अधिकारी यहां पहुंचे जिसमें धर्मांतरण का मामला भी सामने आया। मामला संवेदनशील होने पर बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष देहात थाना पहुंचे और 10 लोगों पर मामला दर्ज कराया गया। इस निरीक्षण में कई खुलासे भी हुए रविवार की रात तक यह कार्रवाई चलती रही इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष को कई जगह विरोध का सामना भी करना पड़ा।
हिंदू बच्चों को पादरी बनाने का आरोप
सबसे पहले टीम बेथलहम बाइबिल परिसर में संचालित बालक एवं बालिका छात्रावास पहुंची जहां पर उपस्थित छात्रों से जानकारी लेने पर धमांतरण की जानकारी सामने आई। यहां से टीम भिड़ावरी गांव में संचालित छात्रावास पहुंची यहां टीम को अंदर जाने नहीं दिया। टीम पहुंची तो स्टॉफ ने मेनगेट का ताला लगा दिया। भिड़वारी गांव में स्थित मिड इंडिया क्रिश्चियन मिशन द्वारा संचालित बाल गृह के निरीक्षण के दौरान वहां के स्टॉफ ने मेन गेट का ताला लगा दिया और अंदर से रेलिंग शटर एवं चौनल गेट को बंद कर दिया। जिसके बाद टीम बड़ी मुश्किल से पुलिस की सहायता से फेंसिंग के तारों के बीच से अंदर जा सकी । यहां पर कुल 91 बच्चे रहते हैं । मौके पर टीम को 45 बच्चे मिले । यहां अधिकांश बच्चे हिंदू हैं जिनसे टीम द्वारा पूछताछ की गई जिसमें यह सामने आया कि यहां पर बच्चों को ईसाई की धार्मिक शिक्षा दी जा रही है । संस्थान पंजीयन के कोई भी दस्तावेज मौके पर मौजूद कर्मचारी उपलब्ध नहीं करा पाए।
आयोग की टीम बाइबिल सोसायटी का निरीक्षण करने पहुंची । जहां पर एक 17 वर्षीय बालक ने बताया कि वह डिंडोरी का है और यहां पर पादरी बनने का प्रशिक्षण ले रहा है । नाबालिग बच्चे को बहला - फुसलाकर उसे पढ़ाई से विमुख कर इस तरीके से लाकर रखा जाना प्रथम दृष्टया आइपीसी की धारा 370 व किशोर न्याया अधिनियम की धारा 75 का उल्लंघन पाया गया।
अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने काफी देर तक पूरे परिसर का निरीक्षण किया। पूछताछ में धर्मांतरण का मामला सामने आया। साथ ही कई तरह की गड़बड़ी मिली। बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कानूनगो ने छात्रावासों का जायजा लेकर यहां के संचालकों से बात की साथ ही मौके पर मौजूद महिला बाल विकास विभाग अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद देहात थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई , लेकिन तत्काल रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई और दो घंटे बाद 10 आरोपियों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई । जिसमें मौनी लाल , आरडी लाल, शीला लाल , मंजू बर्नवास , विवेक लाल , शनित लाल , जेके हेनरी , अरनिष्ट एंजिला व अजय लाल के विरूद्ध मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 3 और 5 , भारतीय दंडित संहिता की धारा 370 एवं जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया। बता दें दमोह जिले में धर्मांतरण का यह पहला मामला दर्ज किया गया है।