सिवनी में कई मवेशी लंपी वायरस की गिरफ्त में, पशुपालकों ने बाहरी जिलों से मवेशियों की खेप लाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

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Rajeev Upadhyay
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सिवनी में कई मवेशी लंपी वायरस की गिरफ्त में, पशुपालकों ने बाहरी जिलों से मवेशियों की खेप लाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

Seoni. बीते साल राजस्थान और उत्तर भारत में मवेशियों पर कहर बनकर टूटने वाले लंपी वायरस के लक्षण सिवनी जिले के केवलारी में कई मवेशियों में देखे जा रहे हैं। केवलारी के ग्राम सकरी में अनेक मवेशियों के शरीर पर चकत्ते दिखाई देने के बाद पशुपालक भयभीत हैं। उधर लंपी वायरस के लक्षण दिखने पर स्थानीय पशु चिकित्सालय के कर्मचारियों ने मवेशियों का इलाज शुरू कर दिया है। 



 



रोगी मवेशियों को किया आइसोलेट







केवलारी ब्लॉक में ग्राम सकरी और उगली के में मवेशियों में लंपी के लक्षण दिखने के बाद उन जानवरों को आइसोलेट कराया गया है। पशु चिकित्सक इन मवेशियों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने पशुपालकों को अनेक सुझाव दिए हैं। पशु चिकित्सकों ने बताया है कि लंपी वायरस में मवेशियों के पैरों में सूजन, शरीर पर चकत्ते और बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं। मवेशी खाना पीना छोड़ देता है। इस दौरान उसकी मौत भी हो सकती है। 







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  • सावधानी बरतने दिए निर्देश





    पशु चिकित्सकों ने कहा है कि सभी पशु पालक इसको लेकर सावधानी बरतें और अपने पालतू मवेशियों की उचित देखभाल करें। इधर पशु पालकों ने प्रशासन से मांग की है कि बाहर से आने वाले बिक्री के मवेशियों के खेप या हेड बिल्कुल प्रतिबंधित होना चाहिए, क्योंकि बाहरी जानवरों के द्वारा ही यह बीमारी उगली क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है। 





    इधर जिला पशुपालन विभाग ने बताया है कि अभी लंपी वायरस की पुष्टि के लिए मवेशियों के सैंपल भोपाल प्रयोगशाला भेजे गए हैं। उसकी रिपोर्ट आना बाकी है। हालांकि एहतियात के तौर पर मवेशियों को दवाएं दी गई हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर उनके पास पर्याप्त दवाएं मौजूद हैं, लेकिन फिर भी पशुपालक सावधान रहें ताकि कोई भी बीमारी फैल न पाए। 





    बता दें कि बीते वर्ष भी मध्यप्रदेश में लंपी वायरस का कहर देखने को मिला था लेकिन राजस्थान व अन्य राज्यों के मुकाबले मवेशियों पर इसका ज्यादा असर नहीं दिखाई दिया था। भोपाल लैब से भी बेहद कम मवेशियों में वायरस की पुष्टि हो पाई थी। 



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