आमीन हुसैन, RATLAM. चुनाव नजदीक आते-आते अब राजनीतिक हलचल के साथ अब राजनीतिक उथल-पुथल भी सामने आने लगी है। रतलाम में आयोजित हुए बीजेपी के दीप मिलन समारोह ने राजनीति में नए समीकरण बना दिए हैं। आयोजन ने बीजेपी में गुटबाजी की तस्वीर साफ कर दी है। कांग्रेस, बीजेपी के आयोजन को लेकर अब न सिर्फ बीजेपी पर हावी हो रही बल्कि आने वाले वाले चुनाव में इस नए समीकरण से अपना रास्ता साफ होने का दावा करने लग गई है।
समारोह में शामिल नहीं हुए विधायक और महापौर
रतलाम में बीजेपी ने भव्य दीप मिलन समारोह आयोजित हुआ। इसमें बीजेपी के पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी, बीजेपी के पुराने वरिष्ठ सक्रिय पदाधिकारी और कई कार्यकर्ता शामिल हुए। इनमें बीजेपी के वो कार्यकर्ता भी शामिल हुए जो नगर निगम चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज थे। वहीं पार्टी के उपाध्यक्ष मंडल अध्यक्ष, निगम अध्यक्ष, बीजेपी महापौर और बीजेपी विधायक चेतन कश्यप भी इस आयोजन में शामिल नहीं हुए।
'पार्टी या नेता का नहीं कार्यकर्ताओं का आयोजन था'
पूर्व गृह मंत्री बीजेपी वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी ने भी इन सबके आयोजन में शामिल नही होने के सवाल पर पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ये पार्टी या किसी नेता का नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं का आयोजन था। इसकी पूरी तैयारी रूपरेखा कार्यकर्ताओं ने तय की है, सभी निमंत्रण दिया गया था, जो नहीं आए वो भविष्य में जरूर आएंगे। वहीं इस तरह के आयोजन आगे भी किए जाने की बात पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी ने कही और बताया कि कई सारी गलतफहमियां इस तरह के आयोजन से मिलने से दूर होती हैं।
विधायक चेतन कश्यप ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
बीजेपी विधायक चेतन कश्यप से जब मीडिया ने संपर्क करना चाहा तो उन्होंने मीडिया से दूरी बना ली और इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले कोई भी पदाधिकारी इस पर कुछ कहने के लिए सामने नहीं आए।
कांग्रेस को मिला मुद्दा
हालांकि अब बीजेपी के इस आयोजन को लेकर कांग्रेस को एक मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस नेता पारस सकलेचा ने इस आयोजन को लेकर बीजेपी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इस आयोजन ने साफ कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी में कलह चरम सीमा पर है। एक गुट जो बीजेपी के कार्यकर्ताओं को गुलाम बनाना चाहता है और दूसरी ओर एक तरफ स्वतंत्र कार्यकर्ता हैं जो बीजेपी की अलग पहचान बनाना चाहते हैं। कांग्रेस नेता पारस सकलेचा ने कहा कि महापौर के चुनाव में बीजेपी की जीत 57 हजार से 8 हजार पर आई लेकिन अब विधायक को आने वाले चुनाव में बड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ेगा कांग्रेस को इसका बड़ा फायदा मिलेगा। बीजेपी बड़ी गुटबाजी की शिकार हो चुकी है।
बीजेपी को रतलाम में करना होगा डैमेज कंट्रोल
इस आयोजन के बाद अब बीजेपी के लिए स्थानीय और प्रदेश स्तर के संगठन पर न सिर्फ हलचल बढ़ेगी बल्कि इसके लिए चिंता भी बढ़ेगी और आगे इस गुटबाजी से हुए डैमेज कंट्रोल के लिए प्रदेश स्तर के नेताओं को रतलाम के मैदान में उतरना पड़ सकता है।