भोपाल में DGP सुधीर कुमार सक्सेना पुलिस अधिकारियों के साथ सड़क पर निकले, पूरे प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की गश्त

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Rahul Garhwal
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भोपाल में DGP सुधीर कुमार सक्सेना पुलिस अधिकारियों के साथ सड़क पर निकले, पूरे प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की गश्त

BHOPAL. मध्यप्रदेश के नागरिकों में सुरक्षा की भावना बनाए रखने और पुलिस की विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए पुलिस ने पूरे प्रदेश में पैदल गश्त की। भोपाल में डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के साथ सड़क पर निकलकर कानून व्यवस्था का जायजा लिया। ये मार्च टीटी नगर थाना से जीआरपी थाना बजरिया तक निकाली गई। डीजीपी ने करीब 10 किलोमीटर पैदल गश्त की और नागरिकों से संवाद किया। पूरे प्रदेश में 20 हजार ज्यादा पुलिसकर्मियों ने पैदल गश्त की।





डीजीपी ने की 10 किलोमीटर की पैदल गश्त





डीजीपी सुधीर सक्सेना के साथ वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस बल ने भोपाल के भीड़-भाड़ और संवेदनशील क्षेत्रों में 10 किलोमीटर की पैदल गश्त की। शाम 6 बजे टीटी नगर थाने से डीजीपी सक्सेना ने पैदल गश्त शुरू की। वे रंगमहल चौराहा, रोशनपुरा, कंट्रोल रूम, पीएचक्यू तिराहा, शब्बन चौराहा, जिन्सी चौराहा, पुल बोगदा, प्रभात चौराहा, थाना अशोका गार्डन के सामने से होते हुए स्टेशन बजरिया थाना तक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जनता से संवाद किया और कानून व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जगह–जगह रुककर दुकानदारों और रहवासियों से बात की। डीजीपी ने नागरिकों से पुलिस संबंधी समस्याओं के बारे में जानकारी ली।





पीएम ने पैदल गश्त की प्रभावशीलता पर दिया था जोर





प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी में नई दिल्ली में हुए पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के 57वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भी पैदल गश्त की प्रभावशीलता पर जोर दिया था। उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा की जा रही पैदल गश्त का भी जिक्र किया था, इसके साथ ही निर्देश दिए थे कि पारंपरिक पुलिस प्रणाली जैसे पैदल गश्त आदि को और मजबूत करें। पीएम ने कहा था कि जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए सीधा संवाद करें। इस दौरान उन्होंने पुलिस बलों को अधिक संवेदनशील बनाने और उन्हें उभरती प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित करने का सुझाव भी दिया था।





सीएम शिवराज ने दिए थे बेसिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने के निर्देश





मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए थे कि बेसिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया जाए। जनसामान्य में सामान्य सुरक्षा की भावना बनाए रखने और पुलिस की सड़कों पर विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए पैदल गश्त करने पर भी जोर दिया था। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि मध्यप्रदेश शांति का टापू है। यहां शांति और कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले तत्वों पर पुलिस सख्ती बरते। उन्होंने ये भी कहा कि हमारी पुलिस अपराधियों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर और नागरिकों के लिए फूल की तरह कोमल हो।





पूरे प्रदेश में सड़कों पर निकले पुलिसकर्मी





मध्यप्रदेश के सभी जोन के आईजी, पुलिस कमिश्नर, डीआईजी, एडिशनल सीपी, एसपी, डीसीपी, एएसपी, एडिशनल डीसीपी, एसडीओपी, असिस्टेंट सीपी और लगभग 1 हजार थानों के प्रभारी और 550 चौकियों के चौकी प्रभारी पैदल गश्त पर निकले। पूरे प्रदेश में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में सभी जिलों के भीड़-भाड़ वाले और संवेदनशील क्षेत्रों में पैदल गश्त की गई। नागरिकों से संवाद किया गया।





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पैदल गश्त का लक्ष्य







  • पैदल गश्त व्यस्ततम इलाकों में पुलिस की विजिबिलिटी बढ़ाती है।



  • नागरिकों में सुरक्षा की भावना और अपराधियों के मन में भय पैदा करती है।


  • नागरिकों और पुलिस के बीच संवाद सेतु का निर्माण करती है।


  • आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास को बढ़ाती है।


  • किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस को भौगोलिक स्थिति का ज्ञान कराती है।


  • पुलिस के सूचना तंत्र को मजबूती देती है।




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