छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति पर टिका मप्र के पौने 5 लाख पेंशनर के राहत का मामला

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Anjali Singh
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छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति पर टिका मप्र के पौने 5 लाख पेंशनर के राहत का मामला

भोपाल.  मध्य प्रदेश के 4 लाख 75 हजार पेंशनरों को 31 % महंगाई राहत के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि मध्य प्रदेश के वित्त विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ सरकार ने सहमति नहीं दी है। ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन ने मप्र शासन के मुख्य सचिव को नोटिस भेजने के बाद विभाग ने एक बार फिर प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर ली है। जिससे, जल्द पेंशनरों को इसका लाभ दिया जा सकता है।



छत्तीसगढ़ में अटका मामला



मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को अभी 31% महंगाई भत्ता मिल रहा है, लेकिन पेंशनरों को अबतक 17% डीआर ही दिया जा रहा है। हालांकि शिवराज कैबिनेट ने डीए के साथ डीआर में भी 11% बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है और कर्मचारियों को 31% डीए का भी लाभ मिलने लगा है, लेकिन पेंशनरों को अब भी इंतजार है, क्योंकि आदेश जारी करने के लिए मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की संवैधानिक बाध्यता के कारण छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए बीते दिनों मप्र के वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र भी लिखा था, लेकिन उस पर सहमति नहीं दी गई है।



पेंशनरों ने राज्य और केंद्र सरकार से लगाई गुहार



बीते दिनों ही प्रदेश के पेंशनरों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मदद की गुहाई लगाई थी, वहीं मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को भी ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन की तरफ से कानूनी नोटिस भेजा गया था, जिसमें पूछा गया था कि प्रदेश के पेंशनर्स को शासकीय सेवकों से 14% कम महंगाई राहत का भुगतान क्यों किया जा रहा है। शासकीय सेवकों की तरह 31% महंगाई राहत का लाभ कब से दिया जाएगा।


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