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संजय गुप्ता, योगेश राठौर, INDORE. मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इंदौर में बड़ी घोषणा की है, विश्वास सारंग ने कहा कि मध्य प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनेंगे, और इतना ही नहीं कॉलेज बनाने वाले को जिला अस्पताल भी दिया जाएगा, इसके साथ ही निजी लोगों को अस्पताल के पास 10 किमी एरिया में 25 एकड़ जमीन भी मुफ्त दी जाएगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने कहा कि ये पीपीपी मॉडल निश्चित रुप से बड़ा परिवर्तन लाने वाला है, हम तकनीक पर काफी काम कर रहे हैं, हम पर समय प्रदेश के लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए काम कर रहे हैं।
आखिर पीपीपी मॉडल है क्या
पीपीपी मॉडल का सीधा अर्थ सार्वजनिक एवं निझी भागीदारी से है, अर्थात दोनों मिलकर किसी प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे और लाभ अर्जित करेंगे। पीपीपी का फुल फॉर्म (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) होता है, इसका अर्थ य है कि ‘सार्वजनिक निजी साझेदारी’ कहलाता है। यह एक तरह का निजी कम्पनीज के साथ सरकार का अनुबंध होता है। पीपीपी मॉडल को इसलिए अपनाया जाता है ताकि सरकार को किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए धन और संसाधन मिल सके। सरकार किसी परियोजना को पूरा करने के लिए इस तरह के कदम उठाती है, ताकि कोई भी परियोजना समय पर पूरी हो, लागत कम आए और सरकार पर दबाव नहीं पड़े। ऐसे मामलों में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र का अनुभव परियोजनाओं को बेहतर बनाने में कारगर रहता है।
पीपीपी मॉडल की आवश्यकता क्यों
सरकार द्वारा पीपीपी मॉडल को लागू करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य अपने राजस्व का बड़ा हिस्सा परियोजनाओं में न लगाकर इसके लिए विकल्प तलाशना होता है, ताकि राजस्व का बड़ा हिस्सा अन्य योजनाओं के लिए खर्च किया जा सके। दूसरा पहलू यह भी रहता है कि सरकार अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए भी इस मॉडल को अपनाती है ताकि समय पर गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सके। ऐसे में सरकार अपनी घोषणाओं या परियोजनाओं को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र की विभिन्न कम्पनीज के साथ करार कर इन परियोजनाओं को पूरा करती है।
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