/sootr/media/post_banners/bc9b9bb51ef8803264d05da2be90be8b6a70a56f57d5dbabd7fc3167f31889c8.jpeg)
संजय गुप्ता, INDORE. शहर के पॉपुलर बॉम्बे हॉस्पिटल के चेयरमैन बीके तापरिया, मेडिकल सुप्रीटेंडेंट के साथ डॉक्टर नीरजा पुराणिक, डॉ. आशुतोष सोनी और न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी इन सभी को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग इंदौर क्रमांक दो ने मरीज के उपचार में लापरवाही पर छह लाख रुपए देने के आदेश दिए हैं। साथ ही उपचार के दौरान हुई मानसिक परेशानी के लिए अलग से 50 हजार रुपए और दस हजार रुपए केस व्यय के भी देने के आदेश दिए हैं। यह आदेश आयोग की अध्यक्ष सरिता सिंह और सदस्य शैलेंद्र सिंह ने सुनाया है। इन सभी को यह भुगतान मरीज को आदेश से 30 दिन के अंदर करना होगा। 13 मार्च 2009 से इस राशि पर 6 फीसदी की दर से ब्याज का भी भुगतान करना होगा, जो 4.50 लाख रुपए से ज्यादा का बनेगा। यानि इन सभी को मिलकर मरीज को 11 लाख से ज्यादा की राशि चुकाना होगी।
यह है मामला
मरीज माया नायर के ऑपरेशन के दौरान यूरोलाजिस्ट को नहीं रखना बॉम्बे अस्पताल और डॉक्टरों को महंगा पड़ा है। पद्मावती कॉलोनी इंदौर निवासी माया पति एमके नायर को पेट में तेज दर्द होने के बाद 20 मार्च 2007 को डॉ.नीरजा पौराणिक को दिखाने गई। डॉक्टर ने कुछ जांचे लिखी। 27 मार्च 2007 को डॉ.नीरजा पौराणिक और डा.आशुतोष सोनी ने माया नायर का बॉम्बे अस्पताल में ऑपरेशन किया। बाद में फ्लूड समस्या आने पर फिर टांके काटे गए। मरीज ने यह आरोप लगाते हुए कि उनकी दाहिनी ओवरी में गठान होने से उसे ऑपरेशन कर निकालना था, लेकिन उसकी बाई ओवरी और अपेंडिक्स भी उनकी बगैर सहमति के निकाल दिया गया।
ये खबर भी पढ़िए...
यूरोलाजिस्ट रखते तो मरीज की परेशानी दूर हो जाती
जिला उपभोक्ता आयोग में बॉम्बे अस्पताल, डॉ.नीरजा पौराणिक, डॉ. आशुतोष सोनी के खिलाफ परिवाद दायर किया। यह आरोप भी लगाया कि ऑपरेशन के दौरान टीम में कोई यूरोलाजिस्ट को नहीं रखा था। आयोग ने सभी पक्षों को सुनने के बाद माना कि महिला के उपचार में लापरवाही हुई है और यूरोलाजिस्ट को रखा जाना था। यह काम सेवा की कमी की परिधि में आता है। अगर यूरोलाजिस्ट रखते तो पहले ही मरीज की समस्या को ऑपरेशन टेबल पर समझ सकते और मरीज को बेवजह की पीड़ा के दौर से नहीं गुजरना पड़ता।