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Jabalpur. जबलपुर के मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में एक और कारनामा सामने आया है। इस बार दिलदार विश्वविद्यालय प्रबंधन ने परीक्षा कॉपियां जांचने ऐसी गफलत की, या कहें कि ऐसी दिलदारी दिखाई कि थ्योरी में 100 में से 101 नंबर दे दिए तो कहीं 70 नंबर के प्रैक्टिकल में 84 नंबर दे दिए गए। अंदाजा लगाया जा सकता है कि कॉपियां किस ढंग से चैक की गई होंगी। मामला बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी के चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट आने पर सामने आया है। शंका यह भी जाहिर की जा रही है कि जिन छात्रों को कम नंबर मिले हैं उनकी कॉपियां भी नशे में जांची गई हों।
भविष्य से खिलवाड़ के आरोप
डेंटल छात्रों ने इस गफलत पर विश्वविद्यालय प्रबंधन पर आरोप लगाए हैं कि लापरवाही के चलते उनके भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। दरअसल मेडिकल यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली से विद्यार्थी लंबे समय से परेशान हैं। विद्यार्थियों की समस्याएं हैं कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं। एग्जाम, रिजल्ट तो अन्य कार्यों के लिए वे चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं। हालात यह हैं कि हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करके बैठे हैं।
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ऐसी गफलत पर क्या कर लेगा पोर्टल?
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्रों की समस्याओं के हल के लिए पोर्टल लॉन्च किया था, जिस पर शिकायतों का अंबार वैसे ही लगा हुआ है। अब यदि गफलत इस स्तर की होगी तो पोर्टल से भी क्या हासिल होगा?
यह है मामला
बीडीएस कोर्स के चौथे सेमेस्टर के विद्यार्थी आलोक को ऑर्थोडोटिक्स एंड डेंटोफेशियल आर्थोपेडिक्स विषय में थ्योरी में 100 में से 101 नंबर और प्रैक्टिकल में 70 में से 84 नंबर दिए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन इस गड़बड़ी के लिए सॉफ्टवेयर की प्राब्लम को जिम्मेदार मान रहा है। बता दें कि इससे पहले भी एग्जाम में हाजिर छात्रों को गैरहाजिर बताकर फेल किया जा चुका है, उस वक्त भी क्लैरिकल मिस्टेक का हवाला दिया गया था।
यह कह रहे जिम्मेदार
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ पुष्पराज सिंह ने बताया कि साफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है। इस मामले में कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।