Indore. बडे़ लोगों से जुड़े यशवंत क्लब के चुनाव में सदस्यों के चाल-चलन पर चोट करने वाले वाट्स मैसेज चलने और उसके बाद पुलिस में हुई शिकायत की जांच शुरू हो गई है। शिकायतकर्ता धीरज लुल्ला के पक्ष में कुछ लोगों ने पुलिस के सामने गवाही दी। वहीं जिन पर मैसेज चलाने का आरोप लगा है, वह पक्ष भी सक्रिय हो गया है। क्लब के चुनाव जून अंत में होने की संभावना है।
यशवंत क्लब चुनाव की गतिविधियां शुरू होते ही, कुछ ऐसे लोगों की गतिविधियां भी शुरू हो जाती हैं जिनका चुनाव से तो कोई लेना-देना नहीं होता लेकिन चुनाव को वे व्यक्ति विशेष से हिसाब-किताब करने का मौका बना लेते हैं। इस बार क्लब के सदस्य धीरज लुल्ला के खिलाफ चरित्र हनन वाले मैसेज चलाए गए। ये मैसेज ऐसा चला कि मजबूरन धीरज लुल्ला को पुलिस की शरण लेना पड़ी। उन्होंने पुलिस को बताया कि रणधीर सलूजा और ध्रुवराज आलीराजपुर इस साजिश का हिस्सा हो सकते हैं । साथ ही उन्होंने इस बात के सुबूत भी दिए कि जिस दिन की घटना बताई जा रही है उस दिन वे गोवा में परिवार के साथ एक विवाह समारोह में शामिल होने गए थे।
तीनों ही चुनाव नहीं लड़ रहे हैं
मामले में खास बात यह है कि न तो धीरज लुल्ला, न रणधीर और न ही ध्रुवराज यशवंत क्लब का चुनाव लड़ रहे हैं। अभी तक पम्मी छाबड़ा और टोनी सचदेवा की पेनल के जितने पदों के नाम तय हुए हैं उनमें दोनों ही तरफ से उक्त तीनों में से किसी का नाम नहीं है। यह जरूर है कि धीरज लुल्ला डेली कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के सदस्य हैं और पिछले दिनों वहां तख्ता पलट हुआ था, जिसमें भाजपा से जुड़े गुट ने कब्जा कर लिया था। धीरज कब्जाधारी गुट के समर्थक हैं। उस विवाद की आंच यशवंत क्लब तक पहुंची है ऐसा माना जा रहा है क्योंकि यशवंत क्लब के करीब 4500 सदस्यों में से करीब 800 सदस्य ओल्ड डेलियंस हैं जो यहां के चुनाव की धारा बदलने की ताकत रखते हैं। लुल्ला यहां पम्मी छाबड़ा के लिए सक्रिय हैं।
फेसबुक पर भी फैला झगड़ा
मामले में वाट्सएप के साथ ही फेसबुक पर भी संदेश फैल गए हैं। लुल्ला ने जिन पर आरोप लगाए हैं उनमें से एक रणधीर सलूजा ने खुद को पीड़ित बताते हुए पुलिस से मदद मांगी है । उनका कहना है कि लुल्ला ने फेसबुक पर करीब 90 लोगों को टैग कर मेरे खिलाफ संदेश डाले हैं, इसका मेरी प्रतिष्ठा और परिवार पर खराब असर पड़ा है। इस पर एक महिला सदस्य ने अशोभनीय टिप्पणी की है। सलूजा ने साइबर सेल में शिकायत की है।
पिछले चुनाव में भी यही हुआ था
यशवंत क्लब के पिछले चुनाव 2018 में हुए थे। तब भी चाल-चलन पर चोट की हरकतें हुई थीं। शिकार तब भी धीरज लुल्ला ही बने थे। किसी महिला का नाम लुल्ला के साथ जोड़कर संदेश चलाए गए थे । हालांकि उस चुनाव में लुल्ला के समर्थन वाली पेनल ही जीती थी।