देव श्रीमाली,GWALIOR. ग्वालियर में मेट्रो लाइट ट्रेन चलाने की कवायद शुरू हो गई है। इसका संकेत पिछले दिनों नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा ग्वालियर प्रवास के दौरान दिया था। आज दिल्ली से आई कम्पनी के प्रतिनिधियों ने ग्वालियर पहुंचकर इनके स्टेक होल्डर्स से भेंट की और उन्हें इसका पूरा प्लान समझाया।
पहले चरण के लिए दो कॉरिडोर चिन्हित
ग्वालियर के बढ़ते यातायात दबाव को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2042 की स्थिति में आने वाले ट्रैफिक लोड को कंट्रोल करने के लिए कंप्रेसिव मोबाइलटी प्लान के आधार पर ड्राफ्ट अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट का प्रिजेंटेशन जनप्रतिनिधियों एवं स्टेकहोल्डर्स के समक्ष अर्बन मास ट्रांजिक्ट कंपनी नई दिल्ली द्वारा बाल भवन के टीएलसी में दिया गया। जिसमें उनके द्वारा प्रथम चरण में दो कॉरिडोर चिन्हित किए गए हैं। जिन पर मेट्रोलाइट ट्रेन चलाने का सुझाव दिया गया है।बैठक में ऑनलाइन मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड भोपाल से एडिशनल डायरेक्टर शोभित टंडन तथा मनीष गंगकार महाप्रबंधक एमपी एम आर सी एल भी बैठक में ऑनलाइन सम्मिलित हुए।
यह क्षेत्र होंगे कवर, मंत्री ने दिया ये सुझाव
बैठक में कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि प्रथम कॉरीडोर एयरपोर्ट से गोले का मंदिर ,रेलवे स्टेशन से पड़ाव से फूलबाग, छप्पर वाला पुल, स्वर्णरेखा होकर गोल पहाड़िया से गुप्तेश्वर तिराहे तक जाएगा। जिसकी लंबाई 23 किलोमीटर होगी। जिस पर सभी के द्वारा सहमति दी गई। इसका दूसरा कॉरिडोर मुरैना लिंक एबी रोड ट्रिपल आईटीएम से चार शहर का नाका तानसेन रोड से पड़ाव पर आकर प्रथम कॉरिडोर पर मिलने की ड्राफ्ट रिपोर्ट यू.एम.टी.सी.एल. द्वारा दी गई। जिस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर द्वारा इसके स्थान पर यह कॉरिडोर तलवार वाले हनुमान मंदिर के सामने से स्वर्ण रेखा के समानांतर होकर लक्ष्मीबाई स्टेचू के पास फूलबाग पर मिलाने की संभावना पर अध्ययन कर आगामी बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु यू.एम.टी.सी.एल. को निर्देशित किया गया।
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सांसद ने दोनो के रूट मिलाने का दिया सुझाव
बैठक में सांसद विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा मुरैना लिंक एबी रोड से प्रारंभ होने वाले कॉरिडोर को गोले के मंदिर चौराहे पर प्रथम कॉरिडोर तक के रूट से मिलाने को अध्ययन में शामिल कर ड्राफ्ट तैयार करने हेतु कहा गया। साथ ही गुड़ा गुड़ी के नाके तक के लिए भी मेट्रो लाइट कॉरिडोर बनाने पर अध्ययन करने का सुझाव यूएमटीसीएल को दिया गया।
पहले चरण पर होंगे 3800 करोड़ खर्च
बैठक में निगम आयुक्त किशोर कन्याल द्वारा इस परियोजना पर आने वाले व्यय राशि लगभग 3800 करोड़, उसकी फंडिंग की व्यवस्था करने के संबंध में प्रकाश डालने के निर्देश यूएमटीसी एल की सहायक उपाध्यक्ष सुश्री कनिका कालरा को दिए।सुश्री कनिका कालरा ने अवगत कराया कि मेट्रोलाइट के निर्माण में लगभग 140 करोड रूपये प्रति किलोमीटर का अनुमानित व्यय आता है जिसके अनुसार प्रथम चरण में राशि 3800 करोड़ रूपये के लगभग में आएगा। जिसकी व्यवस्था केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा निगम द्वारा सरकार के निर्देशानुसार वहन कर किया जा सकता है। इस हेतु पी.पी.पी मॉडल पर भी जाया जा सकता है लेकिन इसका निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाएगा। बैठक में ऑनलाइन शमिल हुये मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के असिस्टेंट डायरेक्टर शोभित कुमार द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रथमताः अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट फाइनल होने पर मेट्रोलाइट हेतु डीपीआर तैयार कराई जा कर उसे राज्य सरकार के समक्ष निर्णय हेतु प्रस्तुत किया जाएगा राज्य सरकार के निर्णय अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में इनकी रही खास भागीदारी
नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल द्वारा 2 सप्ताह में उक्त सुझाव के आधार पर ड्राफ्ट तैयार कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश यू एमटीसीएल को दिए गए।बाल भवन में आयोजित बैठक में प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल, एडिशनल एसपी ट्रैफिक, सीईओ जीडीए प्रदीप कुमार शर्मा ,अधीक्षण यंत्री पीडब्ल्यूडी अनिल जैन, सिटी प्लानर पवन सिंघल, परियोजना अधिकारी महेंद्र प्रसाद अग्रवाल, सहायक संचालक टीएनसीपी केके कुशवाहा एवं स्मार्ट सिटी के टीम लीडर पवन कुमार सैनी आदि उपस्थित रहे ।