देव श्रीमाली, GWALIOR. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिट पास (ETP) जारी ना करने के भिंड से जुड़े मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में चीफ जस्टिस ने एक बार फिर नाखुशी जाहिर करते हुए आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि एक मई को प्रदेश के खनिज संचालक हाजिर हो और साथ में भिंड के खनिज अधिकारी दिनेश सिंह और उप संचालक संतोष पटेल को भी लेकर आएं।
ये है मामला
भिंड के निवासी रविमोहन त्रिवेदी ने 1.94 लाख क्यूबिक मीटर रेत के सम्बन्ध में सुपुर्दगी के लिए ईटीपी के लिए खनिज विभाग में आवेदन किया था, लेकिन जब वहां सुनवाई नहीं हुई तो आवेदक ने हाईकोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाई थी। उनका कहना था कि उनको ईटीपी देने का केस 2014 से अटका पड़ा है। इस मामले में कोर्ट ने कलेक्टर को तलब किया तो उन्होंने कहा कि ईटीपी जारी करने का काम कलेक्टर नहीं बल्कि माइनिंग कॉर्पोरेशन के माध्यम से ही हो सकता है। अब भ्रम दूर हो गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप क्लर्क, हेड क्लर्क या विभागीय अधिकारी नहीं है। आप जिले की अगुआई कर रहे है, यह सबको स्पष्ट होना चाहिए। आपके आदेश के बाद भी ईटीपी जारी नहीं हुई ये ठीक नहीं है।
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जेल भेजने के आदेश दिए, माफी पर वापस लिए
कोर्ट ने आदेश का पालन ना करने की अवमानना पर फटकार लगाते हुए दो अधिकारियों को 3 दिन के लिए सिविल जेल भेजने को आदेशित और 2 हजार जुर्माना भरने को कहा। हालांकि इसके बाद कोर्ट से बिना शर्त दोनों अधिकारियों ने माफी मांगी,तब कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में तीनो को उपस्थित रखें तब सजा तय करेंगे।
हर आदमी को कोर्ट आना पड़े ये अच्छा संकेत नहीं
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि 14 मार्च को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने ईटीपी जारी करने का आदेश दिया था। लेकिन उसका पालन नहीं हुआ। क्या हर आदमी को कोर्ट में आना पड़ेगा? शासन के लिए ये अच्छा संकेत नहीं है।