देव श्रीमाली, GWALIOR. अब मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं को पुराने वादों की चिंता सताने लगी है। ऐसा ही एक वादा बीजेपी नेताओं ने 2018 में ग्वालियर जिले के मुरार केंट एरिया में बसे 12 गांव और बस्ती के लोगों के साथ किया था। उन्होंने वादा किया था कि वह उन लोगों को इससे बाहर निकालेंगे, लेकिन अभी तक इसमें कुछ नहीं हुआ। अब चुनाव आते ही इस मामले में बीजेपी की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश के उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह ने अब एक बार फिर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर सिविल एरिया घोषित करने का आग्रह किया।
राजनाथ से मिले भारत सिंह
छावनी क्षेत्र मुरार को सिविल एरिया घोषित कराने को लेकर केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने नई दिल्ली में मुलाकात की। भेंट के दौरान राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कुशवाह ने आग्रह किया कि छावनी क्षेत्र मुरार के निवासियों को सिविल एरिया न होने से समुचित मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इस क्षेत्र को सिविल एरिया घोषित करने की मांग लंबे समय से हो रही है।
ये खबर भी पढ़िए...
1940 के आधार पर हुए सर्वे की रिपोर्ट भी बताई
उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी कि छावनी क्षेत्र मुरार की सीमा और उसके अंदर स्थित पॉलीगोन का सीमांकन कार्य किया जा चुका है। राजस्व रिकॉर्ड 1940 के आधार पर संयुक्त सर्वे दल द्वारा यह कार्य पूर्ण कर प्रधान निदेशक रक्षा संपदा रक्षा मंत्रालय दक्षिण कमान पुणे को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। कुशवाह ने इस कार्य को जल्द से जल्द स्वीकृति दिलाकर गजट नोटिफिकेशन कराने का आग्रह किया।
बीजेपी की चिंता की वजह क्या है?
दरअसल मुरार केंट एरिया में 12 गांव और इतनी ही बस्तियां है, जिनमें पच्चीस तीस हजार लोग रहते है। यह इलाका छावनी क्षेत्र में स्थित होने से यहां रहने वाले लोगों को विकास के साथ-साथ अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। भारत सिंह इसी क्षेत्र से विधायक हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने इसे सिविल एरिया घोषित कराने का नारा दिया था क्योंकि वे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के खास है। उन्होंने कहा था कि तोमर अपने प्रभाव का उलयोग करके दिल्ली से इसे करवा देंगे। यही वजह थी कि यहां से भारत सिंह को बंपर वोट मिला था, जिनकी बदौलत ही वे हारते-हारते बमुश्किल दो हजार के अंतर से जीत सके थे। इस बार अगर चुनाव से पहले यह एरिया सिविल घोषित नहीं हुआ तो वे बड़े संकट में फंस सकते है। इसका अंदाजा उन्हें है इसलिए वे इसकी कवायद में जुट गए हैं।