BHOPAL. चुनावी साल में नेताओं के बयान तेज और तीखे होते जा रहे हैं। इसी क्रम में पूर्व सीएम और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के एक ट्वीट पर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ना किसी के भाई हैं और ना किसी की जान हैं, वे तो सिर्फ पड़ोसी मुल्क में आटा महंगा होने से परेशान हैं। ये एक वर्ग विशेष पर नजरें इनायत करने के लिए बोलते रहते हैं। यहां बता दें दिग्विजय सिंह ने सोमवार, 24 अप्रैल को त्योहारों पर पत्थरबाजी औरदंगों को लेकर सवाल उठाए थे।
दिग्विजय ने यह किया ट्वीट
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सोमवार, 24 अप्रैल को त्योहारों पर पत्थरबाजी और दंगों को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था- यदि आप देखें तो रामनवमीं के जुलूस पर सभी प्रदेशों में घटना एक प्रकार की ही थी। जुलूस पर पत्थर फेंका गया और पत्थरबाजी शुरू, दंगा भड़क गया। यह पत्थरबाजी कौन करता है? पता नहीं, लेकिन पकड़े जाते हैं एक ही वर्ग के निर्दोष बच्चे। प्रयागराज में ईद की नमाज के वक्त पत्थरबाजी हुई थी। इसे लेकर ही दिग्गी ने ट्वीट किया था।
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मिश्रा बोले- दिग्विजय खुद एक वर्ग के लोगों को पत्थरबाज बता रहे
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह एक ही वर्ग के लोगों को खुद ही पत्थरबाज बता रहे हैं। दिग्विजय सिंह जी, सीसीटीवी फुटेज आ गए हैं। पुलिस, कानून, संविधान आप सब पर सवाल उठाए दे रहे हैं? एक वर्ग विशेष पर नजरें इनायत करने के लिए आप ये सब बोलते रहते हैं। पाकिस्तान में मचे त्राहिमाम से इनकी पीड़ा समझ आती है कि ये कितने ज्यादा पीड़ित होकर इस तरह के बयान दे रहे हैं।
कमलनाथ को चुनाव में ही भगवान याद आते हैं
पीसीसी चीफ कमलनाथ के पूजा-पाठ करने के वीडियो पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इससे अच्छे दिन क्या आएंगे कि कमलनाथ जी पूजा कर रहे, हाथ जोड़े खडे़ हैं। वे कहते हैं कि मैं बड़ा हनुमान भक्त हूं। आज तक आपने कमलनाथ जी को हनुमान चालीसा पढ़ते देखा है क्या? पढे़ं, मुझे उनकी धार्मिक आस्था पर आपत्ति नहीं है। इस बात पर जरूर आपत्ति है कि इन्हें चुनाव में ही भगवान याद आते हैं। चुनाव में ही क्यों हनुमान भक्त हो जाते हैं। 15 महीने में इस तरह की धार्मिक यात्रा की थी? अब कमलनाथ मप्र के लिए नए नहीं रहे हैं। पहले तो वे बाहर के थे। 15 महीने मुख्यमंत्री रहे हैं। उनको ये जवाब देना होगा कि 15 महीने में क्यों नहीं किया था, जो अब याद आ रहा है।