ग्वालियर में मीसाबंदियों की सरकार से मांग, बोले- जेल में हम रहे, लेकिन ज्यादा तकलीफ पत्नियों ने सही, उन्हें भी मिले पेंशन

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Shivasheesh Tiwari
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ग्वालियर में मीसाबंदियों की सरकार से मांग, बोले- जेल में हम रहे, लेकिन ज्यादा तकलीफ पत्नियों ने सही, उन्हें भी मिले पेंशन

देव श्रीमाली, GWALIOR. मीसाबंदियों ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार से मांग करते हुए कहा है कि आपातकाल में हमसे ज्यादा हमारी पत्नियों ने परेशानियों का सामना किया है। इसलिए दिवंगत मीसाबंदियों की धर्मपत्नी को पूर्ण सम्मान निधि दी जाए। वहीं उत्तर प्रदेश राज्य की तरह मध्यप्रदेश में भी लोकतंत्र सेनानियों के दिवंगत होने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाए। साथ ही सभी मीसाबंदियों को आयुष्मान योजना में शामिल किया जाए।



मौत के बाद पत्नियों को मिले पूर्ण पेंशन



मीसाबंदियों की संस्था लोकतंत्र सेनानी संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एकत्रित हुए ग्वालियर-चंबल संभाग के मीसाबंदियों ने मांग की कि मीसाबंदी को मिलने वाली पेंशन दिवंगत होने के बाद उनकी पत्नी को दी जाए। क्योंकि आपातकाल में परेशानी मीसाबंदियों से ज्यादा उनकी पत्नियों ने भोगी है।



मरने के बाद मिले गार्ड ऑफ ऑनर



संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य सभा सदस्य कैलाश सोनी का कहना है कि उनकी प्रदेश सरकार से मांग है कि मीसाबंदियों को आयुष्मान योजना से जोड़ा जाए और मरणोपरांत गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाए। वहीं लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय सचिव मदन बाथम ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मीसाबंदियों को दी जाने वाली सम्मान निधि में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किए जाने का आग्रह किया। ताकि वे सुगमतापूर्वक जीवन यापन कर सकें। इस बारे में लोकतंत्र सेनानी संघ के लोग जल्दी ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर अपनी मांगों से संबंधित जानकारी एक ज्ञापन के माध्यम से देंगे। 


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