नाम बदलने के बाद भी भर्ती परीक्षा पर उठ रहे सवाल, पटवारी के पेपर में छात्रा के ऑनलाइन आए 176, लेकिन आंसर की में मिले सिर्फ 76 नंबर

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Rahul Garhwal
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नाम बदलने के बाद भी भर्ती परीक्षा पर उठ रहे सवाल, पटवारी के पेपर में छात्रा के ऑनलाइन आए 176, लेकिन आंसर की में मिले सिर्फ 76 नंबर

अजय छाबरिया, BHOPAL. महाघोटाले के बाद देशभर में कुख्यात हुआ व्यापम का नाम लगातार बदलता जा रहा है, लेकिन उस पर खड़े हो रहे सवाल खत्म नहीं हो रहे। व्यापम का नाम पीईबी हुआ और उसके बाद अब कर्मचारी चयन मंडल हो गया, लेकिन विवादों का साथ नहीं छूटा। हाल ही में हुई पटवारी परीक्षा की आंसर की पर सवाल उठे हैं। ऑनलाइन एग्जाम में 176 नंबर लाने वाली छात्रा के आंसर की में नंबर सिर्फ 76 रह गए। आइए आपको बताते हैं कि क्या है छात्रा के आरोप और क्या है विवाद?



छात्रा के नंबरों में गड़बड़ी



भोपाल के गुनगा इलाके में रहने वाली हर्षिता गुप्ता ने पटवारी चयन परीक्षा में भाग लिया। हर्षिता का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा पूरी होने के बाद उसको 200 में से 176 नंबर मिले थे। ये नंबर परीक्षा खत्म होते ही उसी कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखा दिए जाते हैं, लेकिन अब जब आंसर की जारी हुई है तो उसके नंबर सिर्फ 76 आए हैं। हर्षिता का आरोप है कि उसके नंबरों में गड़बड़ी हुई है जिससे उसका पूरा भविष्य दांव पर लग गया है। अब उसकी गुहार कोई नहीं सुन रहा है।



अप्रैल में हुई थी संयुक्त परीक्षा



पटवारी भर्ती की परीक्षार्थी हर्षिता गुप्ता का रोल नंबर 24593204 है और एग्जाम 16 अप्रैल को सेकंड राउंड दोपहर 2 से 5 बजे की शिफ्ट में भोपाल के वैष्णवी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में हुआ था।



हर्षिता को मिला बीजेपी विधायकों का साथ




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विधायक रामेश्वर शर्मा ने कर्मचारी चयन मंडल को लिखा पत्र





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विधायक विष्णु खत्री ने कर्मचारी चयन मंडल को लिखा पत्र




हर्षिता की मदद के लिए बीजेपी के विधायक रामेश्वर शर्मा और विधायक विष्णु खत्री दोनों ही अपने लेटर हेड पर पटवारी परीक्षा की आंसर KEY को दिखाने और जांच के लिए कर्मचारी चयन मंडल को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन हर्षिता का कहना है कि कर्मचारी चयन मंडल से अभी तक कोई सही जबाव नहीं मिला है।



कहां-कहां गुहार लगा चुकी है छात्रा



हर्षिता से पटवारी संयुक्त भर्ती परीक्षा को लेकर द सूत्र रिपोर्टर ने बात की तो बताया कि भोपाल कलेक्टर से लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कर्मचारी चयन मंडल, राज्य शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, स्वास्थ मंत्री विश्‍वास सारंग, राजस्व और परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा तक से गुहार लगा चुकी है, लेकिन हर्षिता का कहना है कि मुझे अभी तक कहीं से कोई सटीक जवाब नहीं मिला है। काफी दिनों से विभाग और सरकार के मंत्रियों के चक्कर लगाकर अब थक चुकी हूं। आखिरी उम्मीद लेकर अब कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी में हूं।



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कर्मचारी चयन मंडल की कंट्रोलर डॉ. हेमलता का जवाब



कर्मचारी चयन मंडल की कंट्रोलर डॉ. हेमलता ने बताया कि परीक्षार्थी हर्षिता हमारे पास भी आई थी, उससे आवेदन ले लिया गया था। आवेदन के आधार पर उसका रिकॉर्ड और स्क्रीनशॉट देख लिया गया है। हर्षिता को 76 अंक ही प्राप्त हुए हैं। हर्षिता को 2 दिन बाद मिलने बुलाया गया था, लेकिन वो नहीं आई। मंडल की ओर से फोन लगाया तो संपर्क नहीं हो पाया। कुछ दिन बाद फिर हर्षिता आई तो 3 बजे के बाद मिलने को कहा, लेकिन हर्षिता समय से पहले बिना मिले ही चली गई।



वीडियो देखें- 




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