Jabalpur. जबलपुर में अधिवक्ताओं की हड़ताल का मिला-जुला असर देखने को मिला। हाईकोर्ट के आदेश के चलते जहां कई वकील जिरह करने अदालत में पेश हुए, वहीं अनेक मामलों में पक्षकारों ने खुद अदालत के सामने पैरवी की। बार एसोसिएशन ने इसे षड़यंत्र का हिस्सा बताया है। बता दें कि बीते कई दिनों से ऐसे पक्षकार बेहद हलाकान हैं जिनके केस अदालतों में लगे हुए हैं। कई जमानत अर्जियां लंबित पड़ी हुई हैं, वहीं अधिवक्ता हाईकोर्ट के उस आदेश की खिलाफत में लगे हुए हैं जिसमें 25 पुराने केसों को 3 माह में निराकरण करने कहा गया था।
कई सीनियर वकील अदालत में पेश हुए
सोमवार को हाईकोर्ट में कई अहम मामलों में सीनियर अधिवक्ता अदालत में पेश हुए। यह बात उन वकीलों का नागवार गुजर रही है जिन्हें बार एसोसिएशन के आह्वान का हवाला देकर पैरवी नहीं करने मिल रही। वे सभी बार एसोसिएशन से ऐसे वकीलों को नोटिस जारी करने की मांग पर अड़े रहे। वहीं सरकारी वकीलों द्वारा अदालत में पैरवी करने के विरोध में वकीलों ने तालियां बजाकर प्रदर्शन किया।
- यह भी पढ़ें
इधर स्टेट बार काउंसिल एक बार फिर मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ से इस विषय पर चर्चा करने जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद हड़ताल को वापस लिया जा सकता है।
अनेक पक्षकार कर चुके अपनी पैरवी
वकीलों की हड़ताल के दौरान अनेक पक्षकारों ने अपने मामले की स्वयं पैरवी की। अदालत ने भी ऐसे में पक्षकारों का सहयोग किया और उन्हें निश्चिंत होकर अपनी बात कहने का मौका दिया गया। कई मामलों में अदालत ने पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद उन्हें राहत भी प्रदान की है। जमीन विवाद के मामले में अदालत पहुंचे नवल किशोर दुबे ने बताया कि उनका मामला 7 सालों से चल रहा है। वकील ने आज पैरवी करने से मना कर दिया। नवल ने बताया कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वे स्वयं न्यायालय में अपने मामले की पैरवी करेंगे। भले ही आज तक उन्होंने ऐसा न किया हो लेकिन मजबूरी के चलते यह करने के अलावा कोई चारा नहीं है।