दमोह. घूसखोरी की पाठशाला लगाने वाली पथरिया सीट से विधायक (MLA) रामबाई सिंह (Rambai Govind Singh) ने फिर अपने बयान से बवाल काट दिया है। उन्होंने 30 सितंबर को पूरे देश के कर्मचारियों को भ्रष्ट (Corrupt) बताते हुए कहा कि 'पंचायत हो या मध्यप्रदेश या फिर देश, ऐसा कौनसा विभाग का कौनसा कर्मचारी है, जो रिश्वत नहीं लेता है? सबई लेते हैं, शासन हो या फिर बड़े अधिकारी, सभी को इसकी जानकारी है।' रामबाई ने इसके बाद रिश्वत को जायज ठहराते हुए कहा कि पंचायत कर्मियों ने मुझसे कहा था कि दीदी 200 रुपए का तो पेट्रोल जल जाता है, तो मैंने बस इतना ही कहा था कि राजी खुशी से ले लिया करो, आटे में नमक बराबर रिश्वत चलती है, किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।'
मेरी दहशत के कारण भ्रष्टाचार कम- रामबाई
उन्होंने कहा कि 'मेरी विधानसभा में स्थिति थोड़ी बेहतर है, दहशत के कारण लोग रिश्वत (Bribe) नहीं ले पाते हैं। जहां मुझे जानकारी मिलती है, वहां तुरंत पहुंचती हूं और समझाती हूं कि गरीब जनता के साथ ऐसा नहीं करना है।'
रामबाई ने पिछले दिनों रिश्वत की पाठशाला लगाते हुए कहा था कि 'आटे में नमक बराबर रिश्वत चलती है। सवा लाख के PM आवास पर हजार-पांच सौ लेना ठीक, लेकिन 10 हजार लेना गलत है। इस बयान की सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव से मैंने कहा कि लोगों के पैसों वापस करो, जो तुमने लिए है, इस पर सचिव ने कहा कि मेरे पास जैसे ही पैसे आ जाएंगे तो मैं लौटा दूंगा। रामबाई ने सचिव का बचाव करते हुए कहा कि ये एक गांव की हालत थोड़ी है, सभी लेते हैं रिश्वत।'
पिछले बयान ने भी मचाया था बवाल
विधायक रविवार, 26 सितंबर की शाम सतऊआ गांव पहुंची और जन चौपाल लगाई। ग्रामीणों ने विधायक के सामने ही सहायक और सचिव पर वसूली के आरोप लगाए, उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि PM आवास के नाम पर सहायक और सचिव हजारों रुपए वसूल रहे हैं। किसी ने 5 हजार तो किसी ने 8 हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक लेने की बात कही। इसमें रोजगार सहायक निरंजन तिवारी और सचिव नारायण चौबे को भी बुलाया गया।
शिकायत सुन विधायक ने कहा कि थोड़ा बहुत तो चलता है, लेकिन हजारों रुपए किसी गरीब से ले लेना गलत है। यदि 1 हजार रुपए भी ले लेते तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन सवा लाख के घर में 5 से 10 हजार (रिश्वत) लेना बहुत गलत है।