Jabalpur. जबलपुर में रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर में बने कॉमन फैसिलिटी सेंटर में गारमेंट निर्माताओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने का काम शुरू हो गया है। यहां गारमेंट निर्माण के लिए आधुनिक मशीनें लगाई जा रही हैं। जिनका उपयोग गारमेंट निर्माता बल्क में वस्त्रों के उत्पादन के लिए कर सकेंगे। गारमेंट क्लस्टर दो सैकड़ा छोटी बड़ी इकाईयों का समूह है। जिसमें 154 बड़ी और 46 छोटी इकाईयां शामिल हैं। इन इकाईयों के बीच सीएफसी बनाया गया है। जिसमें आधुनिक मशीनें लग रही हैं। कुछ मशीनें आ चुकी हैं कुछ का आना बाकी है।
विदेशों में होगा कपड़ों का निर्यात
दरअसल जबलपुर गारमेंट एंड फैशन डिजाइनिंग क्लस्टर एसोसिएशन में सरकारी सहायता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थान चल रहा है। आधुनिक मशीनों के जरिए वस्त्र निर्माता बल्क में प्रोडक्शन कर सकेंगे। सारी तैयारी विदेश में कपड़ों के निर्यात की है। अभी तक क्लस्टर फंड की कमी से जूझ रहा था जिसके चलते संपूर्ण प्रयास नहीं हो पाए, लेकिन अब पूरी तैयारी के साथ काम जारी है।
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व्यापारियों ने दिखाई प्लांट में रुचि
क्लस्टर के डाइंग और वॉशिंग प्लांट के संचालन की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। कुछ वस्त्र निर्माताओं ने प्लांट चलाने का प्रस्ताव भी संचालक मंडल को दिया है। इसके शुरू होने के साथ ही जींस और टीशर्ट में कपड़ों की रंगाई-धुलाई का काम शुरू हो जाएगा। इससे नए रोजगार भी मिलेंगे, साथ ही कारोबारियों को इसके लिए इंदौर और मुंबई की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
निर्यात के लिए अच्छा माहौल
शहर में सलवार सूट के निर्यात के लिए इन्वेस्टर्स समिट में प्रयास किए गए। बी टू बी सेशन में जबलपुर क्लस्टर के प्रतिनिधिमंडल ने बहरीन, मलेशिया समेत अन्य देशों के प्रतिनिधियों को उत्पादों के बारे में बताया। एसोसिएशन के एमडी दीपक जैन की माने तो इन देशों की महिलाओं का पहनावा उनके उत्पादों से मिलता जुलता है। वहां की डिजाइन यहां तैयार करने में कारीगर सक्षम हैं।