NEW DELHI/BHOPAL. बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात 'मोका' 2 दिन में लैंडफाल करेगा। इससे देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों का मौसम का मिजाज बदलेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक चक्रवात शुरू में उत्तर-पश्चिमोत्तर की ओर 12 मई की सुबह तक और बाद में बांग्लादेश-म्यांमा तटों की ओर बढ़ने की उम्मीद है। अगले दो दिन में दिल्ली में पारा 40 के पार जा सकता है। वहीं, 11 मई के बाद तूफान मोका के कारण दिल्ली एनसीआर में बारिश और तेज हवाओं की संभावना है। दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और इससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना हवा का कम दबाव का क्षेत्र 10 मई को एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।
चक्रवात के कारण अचानक बढ़ा तापमान
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुए चक्रवात 'मोका' के कारण अचानक तापमान चढ़ा है। हालांकि इसका रुख बंगाल की तरफ नहीं होगा। विभाग के अनुसार बुधवार से पारा और चढ़ेगा और एमपी और छत्तीसगढ़ सहित दक्षिण पूर्वी राज्यों का टेंप्रेचर बढ़ेगा। मौसम विभागने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटों में चक्रवात के कारण 60-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती है। हालांकि भारत में इससे नुकसान का खतरा कम है, क्योंकि 12 मई तक यह उत्तर-उत्तरपश्चिम की तरफ बढ़ेगा और फिर उसके बाद बांग्लादेश और म्यांमार की तरफ निकल जाएगा।
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'मोका' का एमपी में कितना असर
बंगाल की खाड़ी से उठने वाले तूफान 'मोका' का मध्य प्रदेश में कुछ खास असर नहीं होगा। प्रदेश के छत्तीसगढ़ से लगे जिले अनूपपुर और शहडोल में ही बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। वहीं सिवनी जिले के लिए तेज गति से हवा चलने और ओलावृष्टि की संभावना मौसम विभाग ने जाहिर की है। भोपाल स्थित केंद्रीय मौसम कार्यालय ने सिवनी जिले में गरज-चमक के साथ अल्पकालिक ओलावृष्टि और तेज हवा चलने का अलर्ट जारी किया है। हवा की गति 30-40 किमी प्रति घंटा रह सकती है।
अंडमान सागर में नहीं जाने की सलाह
आईएमडी ने मछुआरों, छोटी नाव चलाने वालों, बड़ी नाव और ट्रॉलर चलाने वालों को 9 मई के बाद से दक्षिण पूर्व और मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तर अंडमान सागर में नहीं जाने की सलाह दी है। आईएमडी ने कहा कि कम दबाव के क्षेत्र के अवसाद में बदलने की वजह से अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में 11 मई तक कहीं हल्की तो कही मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है।
चक्रवात ले सकता है खतरनाक रूप
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक चक्रवात शुरुआत में 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाओं के साथ अपनी रफ्तार को बढ़ा सकता है। पूर्वानुमान के अनुसार, अगर चक्रवात गंभीर रूप लेता है तो हवा की गति 120-170 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। यह उत्तर-पश्चिमी हवाओं को मजबूत करेगा, जिसके कारण देशभर में तापमान में वृद्धि होगी। उच्च दबाव का क्षेत्र और एंटी-साइक्लोनिक मूवमेंट पाकिस्तान और आस-पास के क्षेत्रों से शुष्क व गर्म हवाओं को भारतीय क्षेत्र की ओर खींचेगा।