महिला कर्मचारी से छेड़छाड़: निष्पक्ष जांच तक महिला ने बयान देने से मना किया, शिवराज तक पहुंचा मामला

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महिला कर्मचारी से छेड़छाड़: निष्पक्ष जांच तक महिला ने बयान देने से मना किया, शिवराज तक पहुंचा मामला

भोपाल. यहां के स्कूल शिक्षा विभाग में महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ के मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। महिला ने आरोप लगाया है कि उस पर बयान देने का दबाव बनाया जा रहा है। महिला इस बात से नाराज है कि जिला परियोजना समन्वयक राजेश बाथम के अंडर में काम करने वाले कर्मचारियों को ही जांच समिति का सदस्य बनाया गया है। महिला ने कहा कि जब तक बाथम को पद से नहीं हटाया जाता या निष्पक्ष समिति नहीं बनाई जाती, तब तक वह बयान नहीं देगी।

4 सदस्यीय टीम

मुख्यमंत्री शिवराज के जवाब के बाद अध्यापक संघ ने जेडी ऑफिस में जिला स्तरीय समिति बना दी है। जेडी राजीव तोमर ने बताया कि सहायक संचालक जेडी ऑफिस कृष्णा परते के नेतृत्व में 4 सदस्यीय टीम बनाई गई है। इसमें दो पुरुष और दो महिला अधिकारी हैं। इन्हें 5 अक्टूबर तक अपनी जांच पूरी करनी थी। 

महिला ने की शिकायत

महिला का कहना है कि समिति में बाथम के लोग हैं। ऐसे में जांच प्रभावित होगी। महिला पर जबरदस्ती बयान देने का दबाव बनाया गया। महिला के मुताबिक उसे नई समिति बनाए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसे दो दिन से ऑफिस में भी परेशान किया जा रहा है। उसे काम नहीं दिया जा रहा। महिला का कहना है कि बाथम को पद से हटाकर किसी निष्पक्ष समिति से जांच कराई जाए।

पीड़ित महिला 2017 से ऑफिस में काम करती है। बाथम ने उसके साथ अश्लील हरकत की। महिला को देर रात तक ऑफिस में रुकने को कहा जाता था। कोरोना केसमय सिर्फ उसे ही ऑफिस बुलाया जाता था। इस दौरान बाथम उससे छेड़छाड़ करता, गंदी बातें और अश्लील हरकतें करता। महिला के विरोध करने पर वह परेशान करने लगा। इस बात से परेशान होकर तीन दिन पहले महिला ने विभाग में इसकी शिकायत की।

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